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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३०८

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यूनान

हस्ताक्षर कर दिए। प्रिन्स पाल देश छोड कर चला गया और,बालिग हो जाने से,पीटर द्वितीय राजा बना। यूगोस्लाविया तटस्त ही बना रहा,किन्तु ६ अप्रॅल १६४१ को जर्मनी और इटली ने यूगोस्लाविया पर हमला कर दिया। १५ दिन के भीतर देश ने हथियार डाल दिये और बुरी राष्टो ने यूगोस्लाविया की तक्काबोटी क्र लीः क्रोशिया को "स्वतन्त्र" बनाकर, एक अतालबी सामन्त की अध्यवृता मे, वहा कठपुतली सरकार कायम करदी, स्लोवेनीया को इटली, जर्मनी ने बांट लिया,अधिकाश बोसनीया क्रोशिया मे मिलाटी गई,शेप दाल-मेशिया मे, यूगोस्लावी-मकदूनिया बलगारिया के पटी और सर्बियन को ह्ंगरी हज्म कर गया। मोन्टीनीग्रो मे, इटली के अधीन, कठपुतली शासन कायम कर दिया गया। सर्बिया जर्मनी के अत्याचारी शासन मे चली गई। बादशाह और उसकी सरकार इंगलॅंड को चले गये। जर्मनो के घोर अत्याचार के बावजूद सर्बिया और पश्चिमी यूगोस्लाविया मे छापे-मार युद्ध और कभी-कभी खुल्लम-खुल्ला युद्ध जारी हे। सर्बो की डेढ लाख देश-भक्त सेना हॅ। जर्मनो द्वारा बनाई गई देश-द्रोहियो की सरकार का यहा कोई प्रभाव नही हॅ। यूनान-क्षेत्र १,३०,००० वर्ग, जन ६३,००,०००; राजा जार्ज द्वितीय, राजधानी एथेन्स। सन १६१२-१३ के बलकान-युद्धो मे विजय प्राप्त करने के बाद, प्रभवशाली और प्रबल यूनानी राजनीतिक नेता वेनिज़ॅलोस ने यूनान को मित्रराष्ट्रो की ओर मिलाकर जर्मन-पद्यापति यूनान के तत्कालीन राजा कान्स्टॅन्टाइन को पद-च्युत कर दिया। राजा कान्स्टॅन्टाइन १६२० मे यूनान वापस लॉटा। एशिया माइनर मे यूनानी जन-संख्या के देश को जीतने के लिए उसने तुर्की के विरुद्ध युद्ध छेढा, किन्तु कमाल पाशा ने उसे करारी हारदी। १६२२ मे कान्स्टॅन्टाइन ने फिर गद्दी छोडी।