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राष्ट्रीय समाजवाद ३२७

किया जाय । ( २० ) शिक्षा का राष्ट्रीयकरण ।केया जाय और उसे अधिक व्यापक, राष्ट्रीय तथा व्यावहारिक बनाया जाय ( २१ ) राष्ट्र के स्वास्थ्य को उन्नत किया जाय । ( २२ ) सेना में भर्ती होना अनिवार्य हो । ( २३ ) जर्मन समाचार-पत्रों को प्रोत्साहन दिया जाय तथा गैर-जर्मन-पत्रों को जर्मन किसी प्रकार की सहायता न दे । ( २४ ) राष्ट्र-रक्षा का विचार रखते हुए सबकों धार्मिक स्वाधीनता हो । ( २५ ) राष्ट्र, में एक प्रबल केरिद्धय सत्ता स्थापित की जाय । इस कार्य-क्रम में समाजवादी तथा राष्ट्रीय दोनो उप- करणी का सम्मिश्रण है । सत् १९३३ में जब हिटलर जर्मनी का शासक बना तो उसने समाजवादी कार्य-क्रम को त्यागकर राष्ट्रीय कार्यक्रम को पूरा करने का प्रबल किया । यद्यपि पूँजीवाद नहीं रहा है, तथापि हिटलर के शासन में व्यक्तिगतसम्पत्ति ज्यो की त्यों सुरक्षित रही है । सम्पत्ति का राष्ट्रीयकरण नही किया गया और न बडे-बडे पूँजीपतियों या व्यापारियों का नाश किया गया है । अलबत्ता आर्थिक-शासन राज्य के हाथों में चला गया है, और सरकारी कर्मचारी पैदावार का नियत्रण करते हैं । बेकारी-निवारण, शास्त्रीकरण और युद्धोद्योगो दोनों में तीव्रता के साथ प्रगति करने के विचार से ही आर्थिक कार्यक्रम को सरकार ने अपने अधीन किया है, समाजवादी विचार से प्रेरित होकर नहीं ।

   जर्मनी में केवल नात्सीदल ही अकेला राजनीतिक दल है । हिटलर इस दल का नेता है । उसीके हाथ में समस्त सत्ता है । उपनेताओं की नियुक्ति भी वही करता है । दल की नीति के संचालन में दल के सदस्यों को कोई अधिकार नहीं है । वे केवल अनुशासन का पालन करते हैं । दल के तीस लाख सदस्य हैं । दल के अतिरिक्त कुछ अन्य पूरक-सहायक संस्थाएँ भी हैं, जिनका संगठन अनिवार्य है, जैसे जर्मन मजदूर-मोर्चा (German labour front) जिसमें रोज़नदारी और तनखाहदार सभी प्रकार के मज़दूरो का सदस्य होना अनिवार्य है । इसी प्रकार हिटलर युवक सस्था ये सब जर्मन युवको का भर्ती होना अनिवार्य है । दल की अपनी पैदल, मोटर सवार और हवाई सेनायें हैं। नूरेम्ब्रृग में दल का सालाना अधिवेशन होता है । दल के संगठन में क्सेडो मार्क ( जर्मन सिक्का ) खर्च किये जाते हैं, परंतु उनका हिसाब कभी प्रकाशित नहीं किया गया । दल का आधार मध्यम वर्ग