स्थिति कुछ दोनो के बीच की है। दक्षिणी प्रदेश बहुत पिछड़ा हुआ है और
उसके अधिकांश भाग पर फौजी शासन है। उत्तरी भाग में फ्रांसीसी रहते
हैं। उन्होने उसकी पर्याप्त उन्नति की है। कृषि भी अच्छी होती है और फलो
की उत्पत्ति भी सन्तोषप्रद है। लोहा और तेज़ाबी नमक (फासफेट) की खाने
भी है। यहाँ के अरब अधिवासियो मे राष्ट्रीयता तथा अखिल इस्लामवाद
का प्रचार है।
अलफोंजो--यह स्पेन के भूतपूर्व सम्राट् थे। १७ मई १८८६ को इनका
जन्म हुआ। जब स्पेन में प्रजातन्त्र-क्रान्ति हुई तब, १४ अप्रैल १९३३ को,
इन्हे प्रजा ने निर्वासित कर दिया। बाद में स्पेन की पार्लमेंट ने यह घोषणा
की कि अब भविष्य में स्पेन प्रजातत्र राज्य होगा, राजवश का शासनाधिकार च्युत किया जाता है। तब से अलफोजो रोम मे रहा। सन् १९४१ मे उसकी मृत्यु होगई।
अलबानिया--यह इटली के पूर्व में स्थित एक देश है। इसकी जनसंख्या १०,००,००० और क्षेत्रफल १०,६०० वर्गमील है। पहले यह तुर्क
साम्राज्य के अधीन था। सन् १९१३ में यह देश स्वाधीन होगया। सन्
१९२५ में अहमद जोरा इस देश का राष्ट्रपति हुआ और सन् १९२८ में वह
इस देश का राजा बन बैठा। उसने देश में काफी सुधार किये। इटली के साथ उसका सहयोग रहा। अप्रैल १९३९ में इटली की सेनाओं ने सहसा अलबानिया पर आक्रमण कर दिया। उसका राजा भाग गया और मुसोलिनी ने उसे अपने साम्राज्य में मिला लिया। यद्यपि
यह देश निर्धन है तथापि सामरिक दृष्टि से इसका अधिक महत्व है। इसकी ७१ प्रतिशत जनसंख्या मुसलमान है। २८ अक्टूबर १९४० को इटली की सेनाओं ने अलबानिया में होकर यूनान पर आक्रमण कर दिया। परंतु ब्रिटिश सेना की सहायता से यूनान की विजय हुई और यूनान की सेनाओं ने इटली की सेनाओं को अलबानिया से बुरी तरह भगा दिया। पॉच