पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३४२

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सभा द्वारा स्वीक्रित मसविदो[विलो] को नामजर करने का आधिकार था, किन्तु १६११ के पार्लेमेन्ट कानून द्वारा इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया|लार्ड सभा का प्रधान लार्ड चान्सलर होता है,जो सरकार का एक सदस्य होता है|मन्त्रि-मणडल मे तीन लार्ट सदस्यो का रहना आवश्यक है|लार्ड सभा ब्रिटेन की सबसे बडी कानूनी अदालत भी है|

लाल सेना-रूस के सोवियत संघ की सेना|सन १६१७ की रूसी राज्या-क्रान्ति के समय इसका निर्माण हुआ|लाल सेना यह इसलिये कहलाई क्योंकि पताका लाल है|आज तक,सरकारी तोर पर भी,रूस के किसान-मजदूरो की यह सेना इसी नाम से प्रसिध है|इसमे १ से २ करोड तक रिजर्व सैनिक है|युध से पूर्व इस सेना मे ७००० जगी वायुवान थे और ५००० से अधिक टैंक।अब तो यह सेना आधुनिक रूप मे बहुत अधिक यान्त्रिक बन दी गई है,और युधायुघ भी इसके बहुत बड गये है।

लवल,पियरे- फ्रान्सीसी राजनीतिज्ञ,१५५३ मे पैदा हुआ;पेरिस मे वकालत की,समाजवादी दल की और से पर्लमेन्ट का सदस्य बना;पिछले युध के बाद कुछ दिनो के लिये साम्यवादी बना,फिर दक्शिन पन्थी बन गया,१९२५ से १९३५ तक बराबर किसी-न-किसी मन्त्रि-मणडल मे रहा। २६३५-३६ मे प्रधान म‌ंत्री और वैदेशिक म‌ंत्री रहा। मास्को और स्तालिन से भेट की। उसने देश को स्तनीति मे 'पापुलर फ्रन्त' का विरोध किया और २६३७-३८ के बीच फासिस्त कार्यवाहियो मे उसका हाथ पया गया।२६४० मे वह वैदेशिक म‌ंत्री बना। वह नात्सियो से लडना नेही चाहता था, फलतः उसकी नीति के कारण, फ्रन्स क पतन हुआ। वह नात्सियो को आश्र्य देता था और उनके हाथ मे फ्रन्सीसी बेडा सोप देना चहता था। २४ दिसम्बर २६४० को पेता ने उसे हिरासत मे लेलिया और मोशिये