पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३४८

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३४२ लोहिया सबको सामाजिक हित की प्रेरणा होगी, तब स्वतः ही समाज मे शान्ति और सुख की वृद्धि होकर राज्यहीन किसान-मजदूर कम्युनिस्ट राज्य की स्थापना होजायगी ।। लोकार्गों की सन्धि–फ्रान्स, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और वेलजियम के बीच, १६ नवम्बर १९२५ को, हुई सन्धि । इस सन्वि के अनुसार जर्मनी, फ्रान्स तथा वेलजियम ने यह स्वीकार किया कि वे अपनी वर्तमान पारस्परिक सीमाशो की रक्षा करेंगे तथा एक दूसरे के विरुद्ध बल-प्रयोग न करेंगे । राइनलैण्ड से जर्मनी ने अपनी फौजे हटा लेना स्वीकार किया । ब्रिटेन तथा इटली ने इस समझौते के पालन के लिये पारस्परिक सहायता करने का वचन दिया । सन् १९३६ मे हिटलर ने राइनलैण्ड में फिर फौजें भेजकर इस सधि को भग कर दिया, और ब्रिटेन, फ्रान्स और बेलजियम ने, पारस्परिक सुरक्षा के लिये, नया समझौता कर लिया । लोहिया,डा० राममनोहर पीएच० डी०; भारत के काग्रेस समाजवादी विचारक और नेता, वैदे| शिक समस्या के मर्मज्ञ, जन्म । । २३ मार्च १९१०, एम० ए० उत्तीर्ण करने के बाद देश-सेवा मे लग पडे । अखिल-भारतीय काग्रेस कमिटी के वैदेशिक विभाग के मंत्री रहे । अ०भा० काग्रेससमाजवादी दल की कार्य-समिति के सदस्य हैं । डा० लोहिया ने कई पुस्तके लिखी हैं । भारतरक्षा-कानून के अन्तर्गत सन् १९४० से राजबन्दी हैं । १९४२ मे साम्यवादियो को छोडा गया, समाजवादियो को नही, फलतः ,, डा० लोहिया अभी जेल में हैं । -

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