बताते है।सत्र्यादियो के पार्लमेन्ट मे सदस्य त्र्यधिक है,किन्तु जनता पर वफूद का ही प्रभाव है। वर्साई की सन्धि-१६१४-१८ के विश्व-युध्द की समप्ति पर यह सधि मित्र-राष्ट्रों तथा जर्मनी के मध्य,२८ जून १६१६ को हुई।इस सधि का प्रथम त्र्यश राष्ट्रसध के सगठन के विषय मे है त्र्योर उतर्रार्ध्द मे जो निश्चय किये गये है,उनमे मुख्य इस प्रकार है-जर्मनी त्र्यल्सेस-लारेन प्रानस को,यूपेन-मलमेडी बेलजियम को,पोज़ेन तथा कॊरीडर पोलेएड को,मेमल लिथुत्र्पानिया को,उतरी श्लेसूविग (जनमत लेने के बाद)डेनमार्क को,पूर्वी त्र्पपर साइलीशिया(जनमत लेने के बाद)पोलीएड को,इलचिन चैकोस्लोवाकिया को देदेगा;दांजिग पर से त्र्पपना प्रभुत्व हटा लेगा;त्र्पासिटूया से त्र्पपना सबध सथापित न करेगा;जर्मनी खुद नि:शस्त्र होजाय्ग,सार्वजनिक सैनिक-सेवा को त्याग देगा;वह एक लाख संख्या की छोटी सी सेना त्र्यैर छोटी सी नौ-सेना रख सकेगा|लडाकू हवाई जहाज,डुबकनी कशितयाँ,जगी तोपस्वाने त्र्पोर टेक न रख सकेगा,हथि-यार बनाने के कारखानों को बरबाद कर देगा;राइनलैएड पर १५ वषों तक मित्र्राष्ट्रो का त्र्पधिकार रहेगा,सार प्रदेश त्र्पन्तर्राष्ट्रीय-समिति के शासान के त्र्पधीन रहेगा तथा १६३५ मे,जनमत लिये जाने के उपरान्त,उसका भविष्य निशिचत किया जायगा,जर्मन नदियों पर त्र्पन्तराष्ट्रीय-नियत्रएग रहेगा,जर्मन उपनिवेशो को,राष्ट्रसध के शासनदेश के अधीन,मिञ-राष्ट्र अापसमे बाॅट लेंगे,जर्मनी पूर्ण रूप से युध के अपराध को स्वीकार करेगा अौर एतदर्थ देगा, जिसकी रकम बाद मे तय की जायगी।इनके त्र्पलावा कुछ धाराये त्र्पोर थी। दतिपूर्ति को क्रमश: कम कर दिया गया त्र्पौर १६३२ मे वह बिलकुल उड़ा दीगई ;राइन-लैन्ड भी ,वक्त से पहले ,खाली कर दिया गया।अापस की बातचीत द्वारा यह बाते तय हुई थी अौर त्र्पब हिटलर ने पूरे सन्धि-पत्र को ही फाड फेका है। वल्लभभाई पटेल,सरदार-भारतिय राष्ट्रीय महासमा के नेता,काग्रेस कायकारिगी के सदस्य,जन्मतिथि(स्वय्ं सरदार को भी ज्ञात नही),सन १८७६ ई,नडियाद त्र्यौर बडौदा मे प्रारभ्भिक शिक्षा समाप्त करने के खेडा के हाईस्कूल से मेट्रिक किया त्र्पौर उसके बाद मुरतारी पास की।
पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३५०
दिखावट