पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३५४

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३४८ वाइसराय की कार्यकारिणी परिषद् (८) सर्वमाननीय–सर सय्यद सुल्तान अहमद ( क़ानून-विभाग ), (६) महामाननीय सर अकवर हैदरी ( सूचना और प्रचार विभाग ); ( १० ) मा० मलिक सर फीरोज़वॉ नून ( मजदूर-विभाग ), (११) मा० श्री एम० एस० अणे (प्रवासी भारतीय-विभाग), (१२ ) मा० डाक्टर ई० राघवेन्द्र राव ( नागरिकक्षा-विभाग ) । इन बारह सदस्यों में से महामाननीय सर अकवर हैदरी और माननीय डा० ई० राघवेन्द्र राव की मृत्यु होजाने और माननीय सर ऐन्द्र.क्लो के अासाम का गवर्नर नियुक्त होजाने के कारण इनके रिक्त स्थानों पर क्रमशः सर सी० पी० रामस्वामी अय्यर, सर जे० पी० श्रीवास्तव शौर सर ई० सी० बैन्थल, उत्तराधिकारी नियुक्त किये गये । जुलाई १९४२ में कार्यकारिणी के विभागो मे रद्दोबदल कीगई और इस कारण तीन नये सदस्य और बढाये गये । नई व्यवस्था के अनुसार प्रधान सेनाध्यक्ष का विभाग युद्ध-विभाग बना दिया गया और रक्षा-विभाग की नये सिरे से रचना की गई । इस पद पर मलिक सर फीरोज ख़ॉ नून नियुक्त किये गये और उनके रिक्त स्थान की पूर्ति डा० वी० आर० अम्बेदकर की नियुक्ति द्वारा की गई । सर रामस्वामी मुदालियर के युद्ध-मत्रिमडल और प्रशान्त युद्ध-परिषद् मे भारत के प्रतिनिधि मनोनीत होकर लन्दन चले जाने पर ( जहाँ रहते समय वह वाइसराय की कार्यकारिणी के सदस्य बने रहेगे ) मा० श्री न० रं० सरकार उत्तराधिकारी हुए और मा० सरकार के उत्तराधिकार की पूर्ति सरदार सर जोगेन्द्र सिंह की नियुक्ति से हुई । यातायात विभाग मे, कार्य की अधिकता के कारण ‘युद्ध-सम्बन्धी यातायात’ और ‘डाक और रेडियो दो विभाग कर दिये गये और इस विभाग मे रवानबहादुर सर मुहम्मद उसमान को नियुक्त किया गया । नियुक्ति के बीस दिन के भीतर, रियासत का काम संभालने के लिये, सर सी० पी० रामस्वामी अय्यर त्याग-पत्र देकर त्रावणकोर वापस चले गये । फरवरी १९४३ मे, महात्मा गान्धी के २१ दिन के व्रत के अवसर पर, उन्हें छोडने के प्रश्न पर वाइसराय से मतभेद होजाने के कारण, सर होमी मोदी, श्री अणे और श्री सरकार ने त्यागपत्र देदिये । इन पक्तियों के ' ने तक उनके रिक्त स्थानो की पूर्ति की सूचना प्रकाशित नहीं हुई है।