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शाम प्रयत्न अबतक केवल एक सिद्धान्त मात्र सिद्ध हुए है। शान्ति सेवक-संघ–देश में बढ़ते हुए हिन्दू-मुसलिम दंगो को व्यावहारिक रूप से रोकने के उद्देश से, जुलाई १९४१. मे, महात्मा गांधी की प्रेरणा तथा उद्योग से, भारत मे शान्ति-सेवक-संघो की स्थापना हुई । संघ का उद्देश्य साम्प्रदायिक एकता तथा सामाजिक शान्ति को सुदृढ़ नीव पर खड़ा करना और साम्प्रदायिक उपद्रवो को अहिंसात्मक उपायों से रोकने का प्रयत्न करना था। इसके सदस्यो के लिये निम्नलिखित नियम निर्धारित किये गये :( १ ) उसे सघ के उद्देश्यो को स्वीकार करना होगा । ( २ ) उपद्रवों के बीच अथवा उत्तेजित वातावरण मे उसे आत्मरक्षा तथा दूसरो की रक्षा के लिये अहिसात्मक प्रतिरोध मे विश्वासी होना आवश्यक है । संघ के आदर्शों को पूरा करने के हेतु उसे आत्म-बलिदान के लिये प्रस्तुत रहना चाहिए। ( ३ ) उसे प्रत्येक सप्ताह निर्धारित कार्य के संपादन के लिये समय देना होगा और आवश्यकता पड़ने पर पूरा समय भी देना पडेगा ।। ( ४ ) सघ की कार्य-समिति के दो सदस्यो की सिफारश पर कोई व्यक्ति सदस्यता के लिये कार्य-समिति के समक्ष आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर सकता है । यदि कोई सदस्य संघ के उद्देश्यों के विरुद्ध कार्य करेगा तो उसे सदस्यता से पृथक कर दिया जायगा । जो व्यक्ति संघ के उद्देश्यो से सहानुभूति रखेगे तथा साम्प्रदायिक एकता में विश्वास रखेंगे, परन्तु वे संघ के सदस्य बनने के लिये तैयार न होगे तो, कार्य-समिति उन्हे सहायक बना सकेगी और उन्हे उनके अनुकूल कार्य सोपा जायगा । शामपूर्वीय भूमध्यसागर पर फिलस्तीन के उत्तर में एक देश; अँगरेज़ी नाम सीरिया; क्षेत्र० ५८,००० वर्ग०; जन० ३४ लाख; भाषा अरबी; पहले तुर्की-साम्राज्य का देश, किन्तु १९१४-१८ के विश्व-युद्ध के बाद राष्ट्रसंघ के शासनादेश के अनुसार, फ्रांस के संरक्षण में आगया । हजाज़ के बादशाह हुसैन का बेटा अमीर फैज़ल, जो युद्ध मे मित्र-राष्ट्रों का समर्थक था, १९२० में शामी-कांग्रेस द्वारा शाम का बादशाह घोषित किया गया, किन्तु मित्र