पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/३८६

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हैं । मविदों का दोनों धारा-सभाओं द्वारा स्वीकृत होना आवश्यक है है राष्ट्रपति ही संयु-का-राज्य का प्रमुख शासक है । वह चार वर्ष के लिये, परोक्ष निर्वाचन-प्रणाली द्वारा-समस्त राष्ट्र की जनता के चुने हुएमत्तदाताओं द्वारा-चुना जाता है । राष्ट्रपति किसी भी मसविदे को, जो काग्रेस द्वारा स्वी- कार किया गया हो, अस्वीकार कर सकता है, क्रिन्तु काग्रेस की दो-तिहाई राय से यह अधिकार व्यर्थ किया जा सकता है । अमरीकी राष्ट्रपति को अपार अधिकार प्राप्त है । युद्ध-पूर्य फास की भाँति वह केवल प्रतिनिधिक व्यक्ति ही नहीं अपितु, वास्तव में, अमरीका का शासक होता है । वह स्वयं अपना प्रधान मंत्री होता है और अपने मंत्रि-मण्डल को मनोनीत क्रांता है । यह मंत्री राष्ट्रपति के प्रति-स-काग्रेस के प्रति नहीं-उत्तादायी होते हैं । इस प्रकार स०-रा ० अमरीका की सरकार पार्तमेदृटरी नहीं राष्ट्रपति की सरकार कही जा सकती है । अमरीकी विधान वास्तव में काग्रेस और राष्ट्रपति के बीच सन्तुलन स्थापित रहने के उद्देश पर आधारित है । वह कांग्रेस के विचार के लिये कोई भी बिल भेज सकता है । यह सीनेट की सम्मति से संधि भी कर सकता है युद्धाघोषणा के लिये काग्रेस की सम्मति आवश्यक है । राष्ट्रपति पद के लिये एक व्यक्ति कई बार खडा होसक्रता है; अतएव वर्तमान राष्ट्रपति, कैकलिन ल्लवेस्ट, अतकब ३ वार चुने जाचुके हैं । अमरीका का न्याय-विमान बहुत स्वतंत्र तथा शक्तिशाली है । यदि सुप्रीम कोर्ट ( सर्वोच्च न्यायालय ) किसी कानून को अवैधानिक घोषित करदे, तो वह कानून रद होजाता है । राष्ट्रपति और काग्रेस के साथ तीसरा स्थान वहीं न्याय-विभाग का है 1 प्रथम दोनो द्वारा स्वीकृत विधान पर भी न्याय-विभाग विचार कर सकता है। प्रत्येक राज्य की अपनी दो धारा-ख्याल हैं । प्रत्येक राज्य का प्रमुख शासक गवर्नर होता है, जिसका चुनाव किया जाता है । सयुक्त-राज्य की सा लाख स्थायी सेना और युद्धकाल में शुरू कीगई अनिवार्य सेनिक- भर्ती के अतिरिक्त प्रत्येक राज्य में नागरिक सेनाएँ हैं, जिनकी सख्या दो लाख है, और जो "नेशनल गार्डहुवृ' कहलाती हैं । पिछले युद्ध के बाद अमरीका मे ४० ,५७, ० ० ० सैनिक थे । राष्ट्रपति ही वहाँ का प्रधान सेनापति भ् है । १ ६ सितम्बर १९४० को राष्ट्रपति रूज़वैल्द ने काग्रेस द्वारा स्वीकृत