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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/४०३

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सिंक्यांग ३६६ मे, ६३ मील दूर तक, हमला कर दिया। सेनाप्रो मे कई मास तक संघर्ष रहा । थाईलैण्ड की सेना आगे बढ़ती गई । जापान को इन दोनो देशो ने मध्यस्थ मान लिया और ६ मई १६४१ को सन्धि होगई । स्याम को पकलाई सहित कुछ और इलाक़ा भी मिल गया। जब जापान ने प्रशान्त महासागर मे अमरीकी और बरतानवी द्वीपो पर, ७ दिसम्बर १६४१ को, आक्रमण किया तब उसने स्याम पर भी हमला कर दिया। थोडे दिन के मुकाबले के बाद स्याम ने जापान से, २० दिसम्बर को, सन्धि करली और जापानी सेनाओ को रास्ता देदिया । इस देश मे जापान ने अपने सैनिक और हवाई अड्ड स्थापित किए और वहाँ से मलय तथा ब्रह्मा पर आक्रमण करके उन्हे जीत लिया और हिन्द-चीन पर भी प्रभुत्व कर लिया । सयुक्त राष्ट्र अमरीका ने इसके बाद थाईलैण्ड के विरुद्ध निर्यात-प्रति- बधक कानून लगा दिया । स्लाव-पूर्व तथा दक्षिण-पूर्वीय योरप की एक जाति, जिसमे ८ करोड रूसी, ३ करोड ६० लाख यूक्रेनी, ६० लाख श्वेत रूसी, ७० लाख पोल, ७० लाख चैक, २५ लाख स्लोवाक, १ करोड यूगोस्लाव (६० लाख साइबेरियन, ४० लाख क्रोट और १० लाख स्लोवेनीज़ सहित ) तथा ४० लाख बलगारी शामिल हैं। __ स्वाधीनता-दिवस-प्रति वर्ष २६ जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय काग्रेस स्वाधीनता-दिवस मनाती है। इस दिन समस्त भारतवासी भारत को स्वाधीन बनाने की प्रतिज्ञा को दोहराते हैं । १६२६ की काग्रेस मे पूर्ण स्वराज्य को देशोद्धार का लक्ष्य घोषित करने के उपरान्त सन् १६३० से यह दिवस बराबर समस्त देश मे मनाया जाता है । स्वायत्त-शासन-किसी देश का उसकी प्रजा द्वारा शासन । स्वाश्रयी व्यवस्था-किसी देश की ऐसी सुगठित आर्थिक व्यवस्था कि उसे अन्य किसी राष्ट्र पर आश्रित न रहना पडे ।। सिक्यांग-चीन का उत्तर-पश्चिमी सूबा; चीनी-तुर्किस्तान का चीन। नाम; क्षेत्र० ५॥ लाख वर्ग०; जन० १२ लाख, जिसमे केवल १० फ़ीसदी चीना हैं, ६० फी० तुर्क यानी मुसलमान हैं, शेष मे मंचू, चीना-मुसलमान