हो्थी ६8६ यद्यपि अनेक प्रकार की बाते अब तक, इस सम्बन्ध में, कही गई | जमन रेडियो ने कहा कि हैस पागल होगया है और वह हिटलर की अर्ञा के बिना ही निजी तौर पर सन्धि-वार्ता करने के लिये उड गया है | इंगलेण्ड' में कहा गया कि वह नात्सी-दल से विमुख होकर शरणार्थीं बनकर है | जमनी मे उसके संगी-साथी पकड लिये गये और सहकारी नेता (Deputy Fuehrer) का उसका पद तोड़ दिया गया । ब्रिटेन मे बाद में भी कहा गया कि हैस यहाँ के कुछ दलो से सन्धि-वात्ता करने आया था। किन्तु सरकारी तौर पर बताया गया कि हैमिल्टन के ड्य क का इस सम्बन्ध में कोई हाथ नही है । स्तालिन ने, अक्टूबर १६४१ मे, कहा कि हैस जमनी द्वारा रूस पर किये जानेवाले कमण में ब्रिटेन का सहयोग प्राप्त करने गया था । कुछ भी हो, हैस इंगलेड मे तथसे राजवन्दी नही युद्धवन्दी है और लडाई के बाद, मित्रराष्ट्रों की विशेप दालत में, उस पर मामला चलाया जायगा। सितम्बर १६४२ मे मोशिये स्तालिन ने हैस पर तत्काल मुक़दमा चलाने का मतालवा किया , किंतु ग्रन्य मित्र राष्ट्रो-त्रिटेन ौर क ने इसे भी अनुपयुक्त समझा । होमरूल-श्रायलेंण्ड के स्वतन्त्रता ग्रान्दोलन में इस शव्द का बहुत प्रचार हुआ। तवसे वहाँ यह राष्ट्रीय और ख्कस्वायत्त का पर्याय वन गया है। भारत मे लोकमान्य तिलक ने और उनके बाद स्वर्गीया श्रीमती ऐनी बीसेएट ने,अ्पने १६e१६-१७ के राष्ट्रीय ऋआनन मं, इस शब्द का बहुन प्रयोग किया। दोनों के अान्दोलन काल में होमल्ल लीग सत्याये भारत ने बनीं । होथीं द' नैगीवान्या, निकोलस - हंगरी का नौसेनापति और शामन; १८६८ में पेदा हुरा; १६१३ में आद्टिया के बादशार का अन्ग-रक्ष रहा; पिछी लाई में यरात्ट्रिया की नोनेना के प्रधान-संचालक की हैमियत ने
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