४४४ होर अगरेज़ों से लडा; १९१८ मे ग्रास्ट्रियन नौसेना का उप-प्रधान सेनापति बना, १६१६ में हगारियन सोवियत जनतन्त्र के विरुद्ध 'श्वेत-सेना' का सङ्गठन किया और कम्युनिस्टो को हराया। आस्ट्रिया का भूतपूर्व समाट चार्ल्स दो बार गरी की राजगद्दी का का दावीदार बन कर पाया, किन्तु दोर्थी ने दोनो बार उसे सत्ता सोपने से इनकार कर दिया । होर्थी ससार की राज-सत्ताओ मे परिवर्तन किये जाने का समर्थक है । उसने इटली और जर्मनी से नाता जोडा। उसने दक्षिण स्लोवाकिया अक्टूबर १९३८ मे, लघु-काथियन लस मार्च १६३६ मे और ट्रान्सिलवेनिया अगस्त १६४० में प्राप्त कर लिये । अप्रैल १९४१ मे उसने यूगोस्लाविया के विरुद्ध और जून १६४१ में रूस के विरुद्ध खुल्लमखुल्ला धुरी-राष्ट्रो का साथ दिया। होर, महामाननीय सर सेमुअल-ब्रिटिश राजनीतिज्ञ, २४ फरवरी १८८० को जन्मे, उपनिवेश कार्यालय में कार्य शुरू किया, १६१४-१८ के युद्ध मे भाग लिया और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुँचे । १६२२-२६ तक हवाई विभाग के मन्त्री और १६३१-१६३५ तक भारत-मत्री रहे । आपके ही युग मे गोलमेज कान्फरेन्स हुई और भारतीय शासन-विधान बना । सन् १६३५मे वैदेशिक मन्त्री बनाये गये, किन्तु उसी वर्ष नवम्बर मे उन्हे त्यागपत्र देना पडा, क्योकि इटली- अबीसीनिया-सघर्ष के समझौते के सम्बन्ध मे उनकी बनाई योजना के कारण, जो होर-लावल-योजना कहा लाती है, जनता मे उनके प्रति विश्वास न रहा । सन् १९३७-३६ तक वह जल-सेना-विभाग के अध्यक्ष तथा गृह-मन्त्री रहे । जेल-सुधार- सम्बन्धी (बेत की सज़ाके वह विरोधी हैं) तथा स्वतन्त्र आयलैंण्ड की सेना के विरुद्ध कानून उन्होंने बन- HT- M . . SATTA ।
पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/४४९
दिखावट