होहेन्ज़ोलन
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वाये । वर्तमान युद्ध प्रारम्भ होने पर उन्हें युद्ध-मन्त्रिमण्डल मे लिया गया।
होर-बलीशा, महामाननीय लेस्ली, एम० पी०-ब्रिटिश राजनीतिज्ञ
१८६५ मे जन्मा; लन्दन के एक दलाल का पुत्र; आक्सफर्ड मे शिक्षा प्राप्त
की पिछली लड़ाई मे भर्ती हुया और मेजर के पद तक पहुँचा, १६२३ मे
उदार दल की ओर से पार्लमेट का सदस्य चुना गया, तब से बराबर सदस्य है;
१६३१ मे वह राष्ट्रीय उदार-दल मे शामिल हुया; इसी वर्ष व्यापार-मत्री का
पार्लमेटरी सेक्रेटरी बनाया गया और १६३२ मे अर्थ-मत्री। १६३४-३७ तक
यातायात-मत्री रहा । यातायात-सम्बन्धी अनेक सुधार किये । १६३५ मे प्रिवी
कौसिलर बनाया गया। मई १६३७ मे युद्ध-मंत्री नियुक्त किया गया । होर-बलीशा
ने युद्ध-विभाग मे खूब तरक्की की। रंगरूटी के और अच्छे तरीके निकाले,
यान्त्रिक बरतानवी सेना बनाई, फौजी अफ़सरो मे रद्दोबदल की और अनिवार्य
भर्ती के काम को बढाया । ३ सितम्बर १६३६ को उसे युद्ध -मत्रि-मण्डल का
सदस्य बनाया गया । ५ जनवरी १६४० को प्रधान मत्री, चेम्बरलेन ने, होर-
बलीशा को युद्ध-मत्री पद त्यागकर व्यापार-मण्डल मे चले जाने को कहा।
उसने पद त्याग दिया, किन्तु सरकार मे अन्य पद लेने से इनकार कर दिया।
होहेन्जोलने-जर्मनी का राज-वन्श | १६१८ मे जर्मनी में राजतन्त्र
का अन्त होगया । यद्यपि नात्सीवाद राजतन्त्र का विरोधी है, किन्तु इस
वन्श के बचे-खुचे लोग राजगद्दी की प्राप्ति के लिये अब भी लालायित हैं।
पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/४५०
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