पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/४५२

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परिशिष्ट अखिल-भारतीय ग्रामोद्योग संघ-अक्टूबर १६३४ मे, बंबई-कांग्रेस में, महात्मा गांधी के प्रयत्न एवं प्रेरणा से, अ०भा० ग्रामोद्योग सघ की स्थापना के हेतु प्रस्ताव स्वीकार हुअा । इस प्रस्ताव के अनुसार श्री जगदीशन् कुमारप्पा को, महात्मा गांधी की सरक्षकता मे, ग्रामोद्योग संघ का संगठन करने का कार्य सौपा गया । ग्रामीण उद्योगो को पुनर्जीवित और पुनर्सगठित कर ग्रामीण जनता की आर्थिक, शारीरिक और नैतिक उन्नित करना संघ का प्रमुख उद्देश है । संघ के अधीन दो समितियाँ हैं:-(१) उद्योग-समिति, (२) प्रबंधसमिति। उद्योग-समिति के सदस्य- (१) श्री कृष्णदास जाजू , (२) श्रीजगदीशन् सी० कुमारप्पा, ( ३ ) सेठ जमनालाल बजाज ( अब स्वर्गीय ), (४) डा. खानसाहब, (५) डा० गोपीचन्द भार्गव, (६) श्री बैकुठराय मेहता । प्रबंधसमिति के सदस्य श्री कृष्णदास जाजू , श्रीमती गोसी बहन, श्रीशूरजी वल्लभदास, डा० प्रफुल्लचन्द्र घोष, श्री लक्ष्मीदास पुरुषोत्तमदास अशर, श्री शंकरलाल बैंकर, श्री बैकुठराय मेहता, श्री जे० सी० कुमारप्पा। ___ सघ का मुख्य कार्यालय वर्धा मे है। ग्रामोद्योगो के शिक्षण के लिए एक विद्यालय भी है । नवीन अनुसंधान का कार्य भी किया जाता है । हाथ का पिसा अाटा, हाथ का कुटा चावल, तेल निकालना, ईख के रस और खजूर