सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/४५६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

अन्सारी सदस्य हैं । समय-समय पर इसके अधिवेशन होते रहते है । अणे, माधव श्रीहरि-महात्मा गाधी के २१ दिन के व्रत के समय, उन्हे छोडे जाने के प्रश्न पर, आपने अपने सहयोगी, श्रीनलिनीरजन सरकार ( वाणिज्य-सदस्य) तथा सर होमी मोदी ( रसद-सदस्य ) के साथ, १७ फर्वरी १६४३ को, वाइसराय की कार्यकारिणी कौसिल की सदस्यता (प्रवासीभारतीय-विभाग) से त्यागपत्र देदिया। उपर्युक्त तीनो सदस्यो ने अपने १८ फवरी १६४३ के, एक सयुक्त वक्तव्य मे लिखा: गर्वनर-जनरल की कौसिल से हमारे त्यागपत्रो की घोषणा होचुकी है, और इस समय हम जो कुछ कहना चाहते हैं, वह यह है कि जिन्हे हम मौलिक प्रश्न मानते थे उनपर कुछ मतभेद पैदा होगया और हमने यह अनुभव किया कि हम अब अपने पदो पर नहीं रह सकते ।" तीनो सदस्यो ने अलग-अलग वक्तव्य भी प्रकाशित किये। अन्सारी-अब्दुलकय्यूम, एम० ए०; सुप्रसिद्ध मोमिन नेता; जन्म सन् १६०५; अलीगढ़, प्रयाग और कलकत्ता विश्वविद्यालय मे शिक्षा पाई; १९२०२१ के खिलाफत और असहयोग आन्दोलनो मे भाग लिया और जेल गये । १९३८ मे मोमिन जमाअत के संगठन मे सम्मिलित हुए और तभी से जमीअतुल-मोमिनीने-हिन्द (बाल-इडिया मोमिन कान्फरेन्स ) के उप-प्रधान हैं। आप अ०-भा० मोमिन नौजवान एसोसियेशन के प्रधान मन्त्री और बिहारप्रान्तीय जमीअतुल मोमिनीन के प्रधान है । १६४० मे प्रथम बिहार प्रान्तीय मोमिन कान्फरेन्स के पटना अधिवेशन के और मोमिन नौजवान कान्फरेन्स के, १६४१ मे, द्वितीय अखिल-भारतीय अधिवेशन के प्रधान बनाये गये । अन्सारी साहब अखिल-भारतीय आज़ाद मुसलिम पार्टीज़ फैडरेशन (विविध स्वतन्त्र भारतीय मुसलिम समुदाय संघ) की कार्यकारिणी के सदस्य हैं, साथ ही अाज़ाद मुसलिम कान्फरेन्स की अल्पसख्यक-अधिकार-समिति के सदस्य भी । आप बिहार मोमिन पार्लमेण्टरी बोर्ड के अध्यक्ष और पटना विश्वविद्यालय के फैलो हैं । आपने अनेक उर्दू पत्रो का सम्पादन किया है और उच्च कोटि के उर्दू गद्य-लेखक हैं। आपकी अगरेज़ी मे लिखी 'पोलिटिकल डिमान्ड्स आफ मोमिन कम्युनिटी' (मोमिन जमाअत के सयासी मतालबात अथवा मोमिन समुदाय की राजनीतिक