४७४ राधाकृष्णन्, पर स्वतन्त्र-चेता मुसलिमो ने अपनी अलग संस्था बनाई, जिसका नाम मुस- लिम कान्फरेन्स पडा । मुसलिम कान्फरेन्स मुसलिम लीग के उद्देशो के प्रति- कूल विचार रखनेवाले मुसलमानों की संस्था थी। अब यह संस्था अस्तित्त्व- हीन होगई है। मैडागास्कर-हिन्द महासागर मे, अफ्रीका के पूर्वीय भाग पर स्थित, एक द्वीप; क्षेत्र० २,४२,००० वर्ग०, जन० ३८ लाख, जिसमें ३०,००० योरपीय, शेष अरव, चीना और हिन्दू हैं । यहाँ के ग्रादिम-वासियों में होवा जाति प्रधान है । सन् १८८५ तक इस जाति के लोगो का ही इस द्वीप पर शासना- धिकार था, किन्तु १६वी शताब्दि का अन्त होने तक साम्राज्यवादी फ्रान्सी- सियो ने इसे हथिया लिया। तब से यह द्वीप फ्रान्स का एक उपनिवेश है । सन् १६४० मे फ्रान्स का पतन होने पर धुरी राष्ट्र मैडागास्कर में गुत रूप से अस्त्र- शस्त्र मेनने लगे और वहाँ के मूल-निवासियों को सैनिक-शिक्षा दी जाने लगी। जापान ने भी अपने विशेषज्ञ वहाँ भेज दिये । इस द्वीप में तीन विशाल हवाई ग्रड और उत्तम जहाजी बन्दरगाह हैं । मैहागास्कर से भारत ३५०० मील की दूरी पर है | यदि इस पर धुरी राष्ट्रों का अधिकार होजाता, तो अतलातिक महासागर से होकर अमरीकी तथा अँगरेज़ी जलयानो का मार्ग ही रुक जाता। अतः सितम्बर १६४२ मे मित्रराष्ट्रो ने इस द्वीप पर अपना अधिकार जमा लिया। राधाकृष्णन् , सर सर्वपल्ली-एम० ए०; डी० लिट, एलएल० डी०; जन्म ५ सितम्बर सन् १८८८, मदरास के क्रिस्चियन कालिज मे शिक्षा पाई; मैसूर विश्वविद्यालय और प्रेसिडेन्सी कालिज मदरासमें फिलासफी के प्रोफेसर रहे। कलकत्ता विश्वविद्यालय में दर्शन-शास्त्र (पिलासफी ) के अध्यापक थे। मैचे- स्टर कालिज ( आक्सफर्ड) मे तुलनात्मक धर्म के अध्यापक और आक्सफर्ड विश्वविद्यालय मे, १६३६ मे, पूर्व-देशीय धर्मों और नीतिशास्त्र के अध्यापक थे । १६३१ मे 'सर' की उपाधि से विभूषित किये गये । सन् १६३१-३६ तक 'बौद्धिक अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग समिति के सदस्य रहे। हिन्दू विश्वविद्यालय मे भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अध्यापक ये और अब, १६३६ से, इसी 9. लय के वाइस-चान्सलर हैं । ब्रिटेनिका विश्वकोश मे भारतीय दर्शन लिखा है । दर्शन, धर्म, और नीतिशास्त्र पर आपने अनेक ग्रन्थ अँगरेजी
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