हो जाने के बाद, अक्टूबर १९३९ में, सोवियट रूस ने अवसर से लाभ उठाया और एस्टोनिया को, अन्य
बाल्टिक राज्यो की भॉति,अपने आधिपत्य में कर लिया। उसकी भूमि पर रूसी नौसेना तथा हवाई वेडे के अड्डे बना दिये गये। जर्मनो को जहाजो में भरकर जर्मनी भेज दिया गया। रूस आजकल प्राणपन से अपने अस्तित्व के युद्ध में नाजियो से लोहा ले रहा है, लेता रहेगा, किंतु उसके देशो मे अभी शान्ति बनी है।
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एंग्लो-सैक्सन-–ईसा के बाद, पॉचवी शताब्दी मे, उत्तरी जर्मनी और
जटलैण्ड से इंगलैण्ड को जो ट्यू-टैनिक ऐगल्स तथा सैक्सन गये, वे ही ऐग्लोसैक्सन कहलाये। यह तो इनका ऐतिहासिक स्वरूप है। परन्तु आज के युग में इन शब्दो का प्रयोग अँगरेजी-भाषा-भाषियो के लिए होता है। इन शब्दो से जाति का भी बोध नही होता। आज की अँगरेज़ जाति ऐग्लोसैक्सन, कैल्टिक तथा दूसरी नस्लो के सम्मिश्रण से बनी है। अमरीकन जनता में केवल ३५ फीसदी ही अँगरेजी नस्ल के हैं।
ऐमरी, लियोपोल्ड चार्ल्स मैरिस स्टैनेट--आप आजकल ब्रिटिश मंत्री-मण्डल के एक प्रभावशाली सदस्य है। मई १९४० मे नार्वे के प्रश्न पर ब्रिटिश कॉमन सभा में जब स्थगित-प्रस्ताव (Adjournment motion)