कुशल लेखक है। वह अपने भाषण मे हास्य-रस का सुन्दर पुट देते हैं और कभी-कभी अपने श्रोताओं को मुग्ध कर देते है। आप वर्षो गान्धीजी के निकट सम्पर्क मे रहे है और उनके सिद्धान्तो और विचारो का गम्भीर अध्ययन किया है। अपने जीवन के दीर्घकाल तक अविवाहित रहने के उपरान्त, काफ़ी बड़ी उम्र मे, अभी कुछ वर्ष पूर्व, आपने विवाहित-जीवन मे प्रवेश किया है। कालिज और राष्ट्रीय विद्यापीठ मे अध्यापन-कार्य किया, इसलिये आप आचार्य कहलाये। आपने गान्धीवाद पर कई पुस्तके लिखी है।
कृषि-सामंजस्य-क़ानून—संयुक्त-राज्य अमरीका की कांग्रेस ने, अपने देश के किसानों के हित के लिए, १२ मई सन् १९३३ को, यह क़ानून बनाया। कृषी-सामंजस्य प्रबंध-संस्था भी स्थापित की गई जिसका उद्देश किसानों को आर्थिक सहायता देना है। यह संस्था कृषि की पैदावार का मूल्य निर्धारित करती है, किसानों के जोतने-बोने के लिए भूमि का वितरण करती है, उन्हें आर्थिक मदद देती है, किसानों की जो पैदावार नही बिकती उसे स्वयं खरीद लेती है तथा उसको सुरक्षित रखने की व्यवस्था करती है। यह संस्था हर वर्ष ५० करोड़ डॉलर इस कार्य में ख़र्च करती है।
कागनोविच—कागनोविच रूस के प्रसिद्ध समाजवादी नेता हैं। उनका जन्म सन १८९३ मे यहूदी परिवार मे हुआ। यह परिवार युक्रेन मे रहता था तथा अपने विद्यार्थि-काल मे वह ग़रीबी के कारण दो वर्ष ही शिक्षा प्राप्त कर सके। बाद मे अपनी जीविका-उपार्जन के लिए उन्हे मज़दूरी करनी पड़ी। सन १९११ में उन्होने कम्यूनिस्ट पार्टी मे प्रवेश किया और उसके बाद क्रान्ति तथा गृह-युद्ध मे उन्होने जो कार्य किया उससे उनकी संगठन-शक्ति का पता लगता है। कागनोविच रेल-विभाग के मंत्री बनाये गए। उन्होने इस विभाग मे आशातीत उन्नति की।
कांग्रेस-कार्य-समिति—यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सर्व्वोच्च नियन्त्रण-कारिणी समिति है। इसकी नियुक्ति कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष द्वारा की जाती है। नियुक्ति करते समय महात्मा गान्धी से परामर्श लेना आवश्यक है। उन्ही के परामर्श से इसकी नियुक्ति होती है। इसकी विशेषता यह है कि इसमे, त्रिपुरा कांग्रेस के बाद से, गान्धीवादी नेता ही नियुक्त किये जाते