पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/१०१

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अजमेर ज्ञानकोष (अ) ८८ अजमेर अनासागरके तालाब पर शाहजहाँ बादशाहके मेयो कालेज में राजाओं के लड़के शिक्षा ग्रहण बनवाये हुए. संगमर्मर के पाँच क्रीडागृह अत्यन्त करनेके हेतु श्राते हैं। रम्य हैं। इनमैसे एक जीर्ण हो गया है किन्तु शेष अजमेरमें कारागृह और एक बड़ा औषधालय अच्छी स्थिती में हैं। इनमें तीन क्रीडागृहोंमें है। राजपूताने में जो नो मुख्य शहर है, उनमें से पहले वृटिश अधिकारी रहते थे। आजकल उनको अजमेरका दूसरा नम्बर है (१८८१ ई० के जन- पूर्व स्थितीमें रक्खा है। गणना से इसकी आबादी बढ़ती दिखाई देती है। ___ 'दरगाह ख्वाजा साहब' नामक एक दूसरी अजमेर और बीकानेरके अतिरिक्त सब शहरोकी इमारत देखने योग्य है। इसमें मुइनउद्दीन चिश्ती आबादी कम होती जाती है। इस कारण अजमेर नामक एक फकीरकी कब्र है। १२३५ ई० के लग और बीकानेर की वृद्धि ध्यान रखने योग्य है। . भग इसका देहान्त हो गया। यहाँ प्रतिवर्ष मुसल- यद्यपि पैदाइशकी संख्य ठीक ठीक नहीं लिखाई मानी महीने रजवमें 'उरूस' होता है। दरगाहमें जाती तो भी अजमेरकी जनसंख्या बढ़ती ही जा अकबर और शाहजहाँकी बनवाई हुई मसजिद हैं। रही है। ऐसा अनुमान किया जाता है कि अजमेरकी अकबरकी बनवाई हुई मसजिदमे चित्तौड़की लूट जन संख्या ४० प्रतिशत लोग अन्य राज्योसे श्राये में मिला हुआ नगारा और पीतल के दीवट हए बहिरागत है। इससे यह स्पष्ट है कि अजमेर में (दीया) रखे हैं। उत्पत्तिकी अपेक्षा मृत्युही अधिक होती हैं । अकबरने अजमेरमै किला बनवाया। किला बहिरागों में से संयुक्त प्रान्तके होते हैं। अजमेर चौखटा है और प्रत्येक कोने पर अष्टकोनी वुर्ज में प्रायः सब जातिाके लोग मिलेंगे। सबसे हैं। मुगल बादशाह अजमेरमें इसी किलेमें रहा अधिक संख्या 'शेख' जातिके मुसलमानों की है। करते थे। मरहठोके समय यही उस प्रांतका इसके बाद ब्राह्मण, पठान, धीमर, महाजन, राज- मुख्य स्थान था। आजकल किलेमें तहसीलकी प्रत, ईसाई, सय्यद, कायस्थ इत्यादि जातियोंकी कचहरी है। मूल इमारतमें बहुत सा रद्दोबदल संख्या कम से है। बाहरसे श्रानेवाले लोग प्रायः करनेके कारण उसका रूप विल्कुल पलट गया सकुटुम्ब श्राते हैं। इससे सिद्ध होता है कि वह है। शहरके आस-पासका घेरा आजकलका ही है, स्थायी रूपसे रहने के लिये आते हैं। उसमें बने हुए फाटक दिल्ली दरवाजा, मदार दर- यहाँ तीन अस्पताल और एक नर्सिंग सो- वाजा, उस्त्री दरवाजा, आगरा दरवाजा और सियेशन है। कालेज, हाईस्कूल, दो कन्याओं और त्रिपोलिया दरवाजा के नामसे प्रसिद्ध हैं। बालकोंकी पाठशालाएँ, रेल्वेटेक्निकल स्कूल अनासागरके पासही सत्ररहवीं शताब्दी में (Railway Technical School) इत्यादि अनेक जहाँगीर बादशाहके समय बनवाया हुआ दौलत शिक्षाके लिये संस्थायें हैं। वाग है। उसमें बहुतसे प्राचीन वृक्ष है। उसपर हिन्द . मुसलमान और ईसाइयोकी अनेक आजकल मुनिसीपॅलटीकी देख रेख है और शहर अन्य संस्थाएँ भी है। यहाँसे चार समाचार पत्र , के लोगोकी हवाखोरीका एक मुख्य स्थान बन प्रकाशित होते हैं। यहाँ अनेक कम्पनियाँ हैं जिनकी गया है। शाखाएँ सारे गजपुताने और भारतके मुख्य मुख्य ___ व्यापार और उद्योग-धन्दा-अजमेर एक बहुत नगरोंमें है। अजमेरजेलमं दरियाँ और कालीन बड़ा स्टेशन है। यहाँ पर अनेक प्रसिद्ध वाढते बहुत अच्छी तय्यार होती हैं। यहाँ की चन्दनकी है। उनका व्यापार आसपासके रियासतोंसे कंधियाँ और मालाएँ. प्रसिद्ध है। दो जिनिंग होता है। कुछकी शाखाएँ तो हिन्दुस्तानके मुख्य ( Gimming) के कारखाने, चार श्राटे की मिले, मुख्य शहरोमें भी है। दो वर्फके कारखाने, और लोहेकी ढलाईके कामके १८६४ ई० से यहाँ म्युनिसीपैलिटी स्थापित कारखाने हैं। हुई। १६०२ ई० में इसकी आय १८३००० रु. । अजमेर शहर और उसके नामकी उत्पत्ति-कनल थी। १८६१ और १८६२ में अकाल निवारणार्थ ठाड का कथन है कि पुष्करका श्रजपाल नामक गरोबोसे कराए हुए काममै फॉय सागर नामक | एक चरवाहा चौहान राजा बुसिल देव (पीसलदेव) तालाब बन जानेके कारण गाँवको पानीकी बहुत का पूर्वजथा। उसने यह शहर बसाया था और इस सुविधा हो गई है। शहरका नाम इसीके नामपर पड़ा। शिक्षा-उच्चशिक्षाके लिये मेयो कालेज और सरकारी आर्टस कालेज यहाँ की संस्थाये हैं। *Amals & Rajasthan Vol. 1 Pngs 6GBT, Railw-पाठशालाल, दोन