पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/१२२

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अड्गाँव-बरार प्रान्त,जिला अकोला, ताल्लुका अकोट में यह गाँव बसा हुआ है। उ० अ० २१७ पू० रे० ७६९। यहाँ की जनसंखया हजार है। इसी गाँव के पासके विस्तीर्ण मैदान में रघघुजी मोसले के भाई व्यंको।जी पर २६ नवम्बर १८०३ में जनरल बेलेजलीन विजय पाई थी और गाविलगढ का किला सर किया था़। अडलम- यह फानानिटिश का एक अत्यन्त प्राचीन नगर था़। यहाँ पर (Juda) जुडाए डेकलमा इसी नगर का नाम होगा। यहाँ पर एक किला था़। इसी किले में डोविडने दो बार आशय लिया था़। यहाँ के खारेदन की गुफा की दन्तकथा कदाचित धर्मयोदाओ (Crusaders) के समय से प्रचलित हुई होगी। यहाँ के सर वाल्ट सकाटने इसको नाम करण की उत्पत्ति इसी आधार पर बताई थी। अडलरफेलिक्स यह अमेरिकन शिक्षाविभाग का एक प्रधान पुरुष गया है। इसका जन्म अलजे गाँव में १८५१ ई० में हुआ था़। १८७४ मेकानेल के विद्धालय में पौरस्य साहित्य का अद्धयापक नियुक्त हुआ था़। १९०२ ई० में वह कोलम्बिया विद्धालय में राजनैतिक तथा़ समाजिक शास्त्त्र का प्रधान अधयापक नियुकत किया था। इसने अनेक उपयोगी पुस्तके लिखकर देश की बडी सेवा की थी। मुखय पुस्तकें इसकी नीचे दी जाती हैं-धर्म तथा कर्म, बालकों के लिये सचरित्र का उपदेश, जीवन तथा कर्म फल,विवाह तथा विवाहोच्छेद, कर्तव्य धर्म। आडस-यह गाँय ताल्लुका नागपुर, जिला नागपुर में है। जनसंखया करीब ३०० है। नागपुर के वायव्य में १७ मील पर नागपुर तहसील में यह एक छोटासा देहात है। इससे ५ पुराने मन्दिर हैं। गणेशजी के मन्दिर में एक ही पत्थर की मूर्ती है और इस प्रकार बनाई गई है कि लोग सरलता से प्रदक्षिण कर सकें। गाँव के पास तीन लिंग के महादेव का मन्दिर है। लिंग स्वयं जमीन में से निकले हैं। यहाँ भोसले के बनवाये हुए दो तालाब हैं। ये पत्थर के हैं। कुछ मन्दिर के पुजारी गीसाई हैं। गाँव में बहुतसे ब्राह्मण भी रहते हैं। अडण- इस नदी की लम्बाई कुल १३० मील है। यह वाशीम तल्लुके से निकलकर पैनगंगा नदी में मिलती है। यधयपि ग्रीषम में इस नदी का पानी बहता हुआ नही रहता, त‍ौसी जगह जगह पर इसमें पानी के कुराड हैं अॅडम्स जाँन अमेरिका का दुसरा राषटरपाति था। इसका बाप किसान था। इसने १७५५ ई० में इग्लेंड में जो 'स्टैम्पएेक्ट' पास हुआ था उससे अमेरिकन लोगों को अपने प्रतिनिधि पार्लामेंट की सभा मे भेजने का अधिकार न होने के कारण नपर उसने लागू नही होने दिया। यह उन लोगोमें से एक था, जिन्होंने अमेरिका की स्व्तंत्रता का घोषणा-पत्र प्रकादशित किया था। फ्रेंच लोगों के विषय में इसके विचार अच्छे नही थे। इन लोगों को यह विश्वास न करता था, ब्रिटिश सरकरके व्यापारिक संधि करने मे उसने बहुत परिश्रम् किया था इग्लडमें अमेरिका के राषटरिय राजदूत की हैसियत से यह तीसरे जार्ज बादशाह के दर्बार में था। यह १७९६ ई० में अमेरिका का राषटरपति चुना गया। अमेरिका रियस्तो के एेक्य के लिये इसने बहुत परिश्रम किया। इसका स्वभाव बहुत तीव्र था। यह हाथमें लिया हुआ कार्य जी लगाकर किया करता था। परन्तु अपने मतके वियमें आवश्यकता से अधिक अभिमान होने के करण तथा हठी ‌‍और भगडालपन के कारण यह शीर्घ ही जनता में अप्रिय हुआ। इसकी मृत्यु जुलाई १८२६ ई० में हुई। अॅडम्स जान क्विन्सी-यह राषटरपति जाँन अडम्स का प्रथम पुत्र था। १७६७ ई० किन्सी गाँव में इसका जन्म हुआ था। इसके नमसे इस गाँव को यह नाम प्रप्त हुआ था। १७८७ ई० में इसने हारवर्ड विधयालय की उपाधि प्राप्त की। इसने थाँमसपेन की 'मनुषय' अधिकार' नाम की प्रसिद्ध पुस्तक का खंडन करने के लिये बहुत से लेख लिखे।१७९६ ई० में जार्ज वाशिंगनने इसको पुर्तगाल देशमें अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया। आगे चलकर