पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/१२८

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.... ..... अडल्सवग ज्ञानकाश (अ)११४ अंडोनिस इसके गुणदोष और गुणधर्म प्रकट किए गये हैं। होनेके कारण 'अफ्रोडीटी' का विशेष प्रेम-भाजन यह समझा जाता था कि क्षयरोगमें उडूसा अत्यंत था। इसके जन्मके सम्बन्धमें अनेक दन्त-कथाये गुणदायक है, परन्तु सब प्रकारके क्षयोंमें इससे प्रसिद्ध हैं। अफ्रोडिटी द्वारा उत्पन्न किये हुए जैसा फायदा होना चाहिये वैसा नहीं होता। अनुचित प्रेमके फल-स्वरूप सीरियाके राजा अतिसार और संग्रहणीमें अडूसाकी पत्तीका थीयसको उसकी लड़की ही से पुत्र होनेको हुआ। रस पीते हैं। रक्तातिसार और पित्तसंग्रहणीमें तब उसने लड़कीको जानसे मार डालनेकी आशा तो यह बहुत ही लाभदायक होता है। दी। परन्तु देवताओंकी उसपर विशेष कृपा सूखी पत्तीका धुआँ पीनेसे साँसकी तेजी कम थी और वह वृक्षके रूपमें बदल दी गई। दस हो जाती है। इसके फूल और फल कडवे, सुग- मासके पश्चात् उस वृक्षसे एक अत्यन्त सुन्दर न्धियुक्त और शामक है। फूलों का काढ़ा या अर्क बालक उत्पन्न हुआ। अफ्रीडीटीके आज्ञानुसार लाभदायक होता है। कई मौकों पर, विशेषकर पर्सिफोनीने उसे पाला। जुइसके आज्ञानुसार पूयप्रमे हमें इसका केसर भी लाभदायक होता है। अडोनिस वर्षका तिहाई भाग अपने इच्छानुकूल क्षयरोगके बुखारमें होनेवाली घबराहट और बिता सकता था। शेषका आधा अफ्रोडीटीके गरमीमें अडूसाके फूलोंका शरबत देनेसे लाभ साथ और आधा पौफोनीके साथ बिताना होता है। अडूसाके फलोकी माला बच्चोंके गलेमें ! पड़ता था। पहनानेसे ठंढ और सर्द हवासे बचाव होता है। शिकारसे अत्यन्त प्रेम होनेके कारण यह एक अडूसाकी ताजी पत्तीको चायकी तरह पीनेसे जङ्गली सुअर द्वारा मार डाला गया। (Venus) ठंड और हवासे उत्पन्न खाँसीमें लाभ होता है। वीनस 'रति' का इसपर विशेष प्रेम था। और अडूसासे अर्क, सत. मद्ययुक्त रस (Tincture) उसने इसके लिये बड़ा ही हृदय-विदारक विलाप और शरवत तयार होता है । अडूसाके रस अथवा किया। इसके रक्तसे उसने एक फूल बना दिया। काढ़ेको औटा कर उसका गोला तयार करते हैं। (२) पूर्वकालमें अथेन्स अँलेकण्डिया जिसे सूखा सत (Dry Extract) कहते हैं। इत्यादि बड़े बड़े नगरोंमें इसकी वार्षिक पूजा बड़े अडूसाके रसको फिल्टरपेपरमें छानकर उससे ४० समारोहसे होती थी, और बड़े बड़े मेले हुआ सैकड़ा के प्रमाणसे मद्यका अर्क मिलाते हैं। यही करते थे। अडूसाका रस कहलाता है। शरबत तयार करने (३) कुछका कथन है कि अँडोनिस वन- के लिये ऊखमें अडूसाका रस मिलाते हैं और उसे स्पतिका जीवन है। उसके जीवन-मरणकी कथा फिर गरम करके औटाते हैं। यही अडूसाका केवल वसन्त तथा शरदऋतुमें होनेवाले परिवर्तन शरबत है। इसको अवस्था और प्रकृतिके अनु- को रूपक रूपसे बतलाती है। सार व्यवहारमें लाना चाहिये। (४) शेक्सपीयरका “वीनस अँण्ड अडो- [वैट; पदे; कलावैभव; भिषग्विलास २२] | निस" नामक काब्य है। इसी भॉति 'शेली' ने अडेल्सबर्ग-आस्ट्रियाके कार्निभोला प्रान्त कीट कविकी मृत्यु पर 'अडोनीस' नामकी में यह एक तिजारती गाँव है। इस गाँवसे एक Elegy (शोकगीत) लिखा था। मील दूरी पर एक गुफा है जो योरप भरमें सबसे (५)६ महीने उत्तरायण और ६ महीने बड़ी, सुन्दर और प्रेक्षणीय है। इसके पानी में दक्षिणायणमें रहनेके कारण सूर्यका रूपक' अँडो- घुली हुई खड़ियाकी बहुत सी शकले देखते ही निस माना जाने लगा। ६ महीने जव उत्तरायण बनती हैं। में रहता है तो आकाशमें ऊपर रहता है और अडेसर-गुजरातमें कच्छके अंतर्गत बागडके वीनस रिति' इसके समीप रहती है। जब यह पास तीन-चार हजार जनसंख्याका एक गाँव है। दक्षिणायणमें चला जाता है तो उसका पातालमें यह कच्छकी खाड़ीके किनारे पर है। यहाँ चावल बास समझा जाता है। और गुडका थोड़ा सा व्यापार होता है। यहाँकी (६) जार्ज चतुर्थ को ( The Adonis of गिरी हुई दीवाले १८१६ ई० में राय भारमलजी Fifty ) पचासका अडोनिस कहा जाता था। द्वारा की गई गोलाबारीकी याद दिलाती हैं। (७) यह एक विशेष वनस्पति होती है। अँडोनिस-१) इसका यूनानके पौराणिक इसको 'Pheasant's eye' फीजेन्ट पक्षीका नेत्र इतिहासमें उल्लेख मिलता है। इसके सम्बन्धमे भी कहते हैं। भिन्न-भिन्न अनेक कथायें हैं। यह अत्यन्त सुन्दर (%) यह एक प्रकारकी 'फूल सुघनी" नाम