पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/१६२

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इतना अवश्य कहा जा सकता है कि यदि ऋ-विदयुत्कए निकाल लिये जावें तो जो शेष बचेगा वे धन विदयुत्कए होंगे। वेनजामिन फ्र्क्कलीन क मत इसी प्र्कार है। इससे पूर्वकालीन विज्ञान-वेत्ताओंके मतकी पुष्टि फिरसे भविष्यमें होने की सम्भावना है।

     धन और ऋके मिश्रएसे परमाए उत्पन्न होते हैं। किन्तु फ्रक्कलीनका मत यह नहीं था। अभी तक ये सब अनुमान ही अनुमान है। ये सब अनुमान सिद्धान्तरूपमें तभी माने जा सकते हैं ।
      अतिरात्रयज्विन-यह अपय्या दीक्षितका पौत्र और नारायए दीक्षितका पुत्र था। इसने 'कुशकुमुद्वितीय' नामक प्ंचाक्की नाट्क लिखा।