पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/१६६

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अन्नि-- इस शब्द का अर्थ 'खानेवाला' है। इस नाम के एक ब्र्ह्मर्षि हो गये है। इनका उल्लेख बेद मे भो आया है। यह अग्नि, इन्द्र, अश्विन तथा विश्व देवता आदि के सुन्न्क्रर्ता थे। पुराना में इनका उल्लेख भिन्न भिन्न रूप से आया है। सायंभू मन्वन्तर में ब्र्ह्मा ने प्रजो-त्पादन के लिये दस मानस पुत्र उत्पन्न हुए थे। इनकी स्त्री कर्दम प्रजापति कि कन्या अनुसूया थी। इन को अनुसूया से द्क्त दुर्वासा और सोम नामके तीन पुत्र उत्पन्न हुए थे। आगे चलकर उसे मन्वन्तर में महादेवके आपसे सम्पूर्ण ब्रह्म मानस पुत्रों के साथ साथ यह भी मर गये। (२) पहले के सव पुत्रों के मर जाने पर ब्रह्मा ने वैवस्वत मन्वनर में पुनः पुत्रोंत्पादन किया। इस बार ब्रह्मा शरा किये हुए यक्ष की अग्नि से ये उत्पन्न हुए। इस सर भी अनुसूया ही इनकी स्त्रो थी। इन को चार पुत्र और एक कन्या हुई थी। पुत्रों के नाम अमला था। अब भी प्रति ज्येष्ठ मास में द्वादश सयों में एक सूर्य के समागम में यह संचार करता है।