पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/२०२

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ज्ञानकोष

                                अथेन्स कि प्रचीन कला का उतकृष्ट प्रमास्




हिन्दी-संसार-का सबसे बड़ा ग्रंथ

            ज्ञानकोश ।
              अर्थात्

अखिल बिध्वकी कला, विज्ञान तथा साहित्य का वृरुद्भरुडार; पृष्ठ-संश्या लगभग १२००० (३प भाग ), चित्रद-संस्या २०००र देशकी समस्त भापामोंमें इस असाधारण र्यथका प्रथम स्थान होगा । हसमे अखिल बिथकै सभी विषय' विस्तृत रूपसे दिये गये है । प्रत्येक देश, जाति. साहित्य. क्ला धर्म क प्राचीन तथा क्या अर्वाचीन इतिहास पुर्ण क्योंरैकै साथ दिया हुआ हैं ।संसार के सभी महा-पुरुर्षों के जीबन-चरित्र शक्ति है । वेद, दर्शय धर्म, चिक्तिमा, अर्श, स्सायन, समाज , गणित, ज्योतिष्, भौतिक, शासन, मानव, काला, स्थापत्य, कृभि इत्यादि संपुर्ण विद्या नया शक्योंकै धगेम्न गूढ़ विषयों पर प्राचीन त्था भाशुनिरु दोनों ही ट्ठमिसे ब्वरन्मर विद्वानों द्वारा लेख् संग्रह किये गये है।भारतीय प्राचीन सभ्यता, कला त्था संस्कृति पर विशेष् ध्यान दिया गया है। इस पृ३दु प्रयाक्ली पूर्ण सग्राता क्या सुचारु सब्रा- लम के लिये एक 'सम्पादकीय मंडल' की नोंग पड़ चुकी है । इसमे इस समय तक् देश के २३ धुरन्धर् विद्वानोंस्रलेमानीप्रेस बनारस।