पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/२७३

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अन्य सम्बन्धी-खाव्यणिक अनुकूलता वाले प्रठयेफ मुसलमान को चाहिये कि अपने निर्धन सम्बन्धियों का [ मोंदित्रिटेद डिकीज अर्थात् विवाद-सम्मन्धकै लिये निषिद्ध ] पोषण करें 1 किन्तु यह तभीकै लिये है जय वे सम्बन्धी. यदि पुरुष हो तो, बालिग न हुए हो अथवा किसी कारणसे अशक्त हो. ओर यहि खी ही तो या तो विधवा हो अथवा उनके पति दरिद्र हो । जितना अधिकार सम्पति पर होता है उतना ही अधिकार अत्रवस्त्रकै लिये भी होता ही है अद्र-षछं-दुसके लिये पाथात्य चब में विशेष शब्द "र्वलयेंणी' ( ८५13।11०11)‘) है 1 पति' पटनीमै निपाहोच्छेइ ( 0३९…०८७१ ) होनेपर अथवा दाम्पत्य सम्बाध नए होनेपर भी विवाह करनेके सिये आडा न होनेपर ( 3अर्ध६०131 ठेदृह्यटाआंध्या पतिकी सम्पत्तिसे पत्मिकौ अघ वस्त्र प्राप्त फरनेकां अधिकार है । यद्यपि अन्न-द्रखकेसिये बहुधा पाति र ओरसे षक्ति ही को धन मिलता है किंतु विशेष अवस्थाओं तथा परिस्थितियोंमैं पति भी -श्चका हफद्रश्च हो सकता है । यह निश्चित धन दृ दो प्रकारका होता है…फुछु कालके लिये परिमित ऱदृम्भटुशाटाफु' भ्रूपौर स्थायी दुन्दिमृशाटाग्रआरं अस्थायी धन कैथल मुफदमेकै फैसले तकले निर्वाहकेलिये होता है । बहुधा यह पतिकी आयका पाँचवा भाग होता है किन्तु यहि पति निर्धन हो अयया आपदप्रस्त हो तो न्यायालय अधिकार हैं कि कुछ भी न दिलवाने । यहि पटिन के ओवन-यापनका कोई उक्ति प्रपन्ध होता है और बहुत समय तक अपने पतिसे अलग रह करहीं वहसपफुछ करती रही है तो ऐसी अवस्थायें भी पस्ति इस धमकी अधिकारिणी नहीं होती । स्थायी रकम वह होती है जो मुश्चमैँकै फैसला हो जानेपर व्यायशियकीओरसे अन्न-धन्नकै सिये निर्धारित हींहुंगे है । मैंद्विमोंनियस कांप्रर्दन्स किं" ऐक्ट ९१० १९८० ईदृ की धाहँइ ( 1साद्वादा-द्वा०प्रासा (3०।11'८३1'811०6/३८०१०।" 1907 ) के अनुसार शिवा. 1 होच्छीका निर्णय सुनाते समय यहि न्यायालय उपयुक्त समझे तो यतिसे पत्मिकौ एकयारहीं ग्नू आमीधनकैलिये एक पडी रकम अथवा कुछ ५ वार्षिक रकम दिलवा सकता है । इस रकमका 4 निर्णय दोनोंकी श्यामारश्या स्थितिको विचार फर ही किया जाता है । पसिकोंआय घटते पढ़ते एने वर उस वार्षिक स्थित शकों भी देर फेर ट्वें दीसकटा है 1 दृयाथालय यहि उक्ति समझाता हूँ है तो उसके साथ कुछ शर्तें ( 6०1131९1०१1३३) भी रब देता है । यह रकम पतिके टूहिटपौको सौ मिल सकती है इक्लैएडमें मैंहिडविमेन अँक्ट १९०१ कि प्रा1रिभू1 हैप००1त्गा-या१०ता 1906 ) के टाहँ . बि निर्णय ( ठेगात्माद्रटाकु' मियाँआँडेयांख्या ) के आधार पर यदि पतिने पस्तिको छोड़ दिया हो अथवा पतिकै छल, कपट अथवा अत्याचारके कारण पत्यिकौ अलग रहना पड रहा हो तो प्रति सप्ताह दो शिसिङ्ग तक षल्सिकौ न्यायालय दिलवा सकता है । युनाइटेड स्टेटखकै छोटे छोटे बहुतेरे राक्योंपै दृम्नसैएडके सत् ही हुँनेयपृ हैं-व्यय-जते हैं । कहीं कहाँ पर विवा३श्चिषेवके दावेके विना ही पत्ती किसी भी दीपपर उससे अलग रहनेवाली पत्नी को समानता ( ष्टलूआंष्ठा ) के आधार पर पति से पूरा खर्च मिलता है । कहीं कहींपर पलिकौ सम्पत्तिमेसेधिशेप रिथनिर्योपै पतिको भी अर्न दिलवानेकी प्रथा है । पनिका दूसरा बिनाह होने पर भी उसको खर्च विशेष स्थितियों मिसबा- सकता है फिन्तु खीका दूसरा विवाह होतेही यह पूर्व पतिसे किसी बातकी अधिकारिणी नहीं रह जाती पाश्चात्य दशाओं सम्मिलित-परिवारकौ यथा न होनेके कारण अश-दस्त्रका अधिकार विशेष कर पत्वियोंकै ही समन्धमें उठता है । अन्यआभित पुत्र द्दत्यादिकौ केवल बालिग होने तक ही रहता है अजौव्र४न…यह गिनीकी जाडीका एक दीप है जो आजकल स्पेनकै अधिवास है । यह ३०८० १'२४ और पू० रे० ५३५1 मैं स्थित है 1 इसकी लम्बाई चार मील, चौडाई दो मील ओर वेआफख ८ वर्गमील है । कहीं कहींपर इसकी ऊँचाई ३०० कीट तक है । इसमें दीवाल समान रामाधार पर्वत चले गये हैं और इसकों कन्दरायें अत्यन्त मनोहर हैं । अत: यहाँ का प्राकृतिक दृश्य यद्वा ही सुन्दर: है । अधिक पली नीयोंकी है जो हैंहुहुज्ञा2ज्ञार ३० ८९ है हैं" । ने 1३८८ रैप्रहैंर्दिट्वेछं ७3.८३ लगभग ३० जि० के हैं । ये रोमन केथोलिक धर्मकों मानतेहैं । इसका मुक्य नगर तयां मार्मरकें रहनेका स्थान खेन्द होंन्टोनी है है 'नागर बाडा' बन्दरगाह सुरक्षित तथा काम चलाऊ अच्छा है द्दधनंसे जानेवाले जहाज पानी न्त्यादिकैसिये यहाँ लंगरुडारुते है । पहले पहल इस टायूका पता १ली जनवरी स०१उ७३ रैथ' की पोत्ट्वेंगीब्र लोगौने संख्या था 1 धर्षारम्भमैं पता लगानेफे कारण इसका नाम अवोधान [ अर्थात् क्या वर्ष स्काई गया था । खन् १७७८ ई० में इस टाधूके