पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/३२१

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अफगानिस्तान ज्ञानकोश ( अ ) यम अफगानिस्तान कि उस राजय' जातिका उल्लेख ऋ-ई अप है, थे ही इनके पूर्वज ही । प्रसिद्ध इतिहासकार हीरो-का कथन है कि यम' नामका एक स्थान असल प्राय था । उसने जो आ मकर वर्णन किया है उससे पता चलता हैकि यह प्रान्त चिन-के सरहद पर था । (सका गोल आधुनिक पुच-वाके दे-के वरा: बर ही था । इसको रन भी कहते हैं बोर यहा के रहनेवाले रोकाके जामसे प्रलिव हैं. आजकल जो वैषिआशेनामसे प्रसिद्ध है ण्ड । १र्वकालीन नहिन्द्र इविहासका बाहु. रहा । होगा क्योंकि बिलख और अपके उत्तरी । भागको इं-बाल: कहा जाता था । पनिया । श-तसे आदर बो बोय होता है वह भाग यन पर्जलकी श्रेणियों तक सषेद्ध कोइ, । बीज स्थित है और यही पठानोका मुखर स्थान है । क-पहार प्राचीन गम-धार-शकर ही रूपा- मार है । यह कात्ललथा लिधुपके बीज स्थित है । इस देशका भी बम पुराना इतिहास देख पट है : महाभारतइस्थाहिन्दी अनेक स्थानों लेती करना ही था : पाल, थे भी कय यह जाले थे । इससे यह रपट है कि थे इसम कल को नारी मानते ये है थे आग मख ग-वीके समय ही मुसलमान हुए ये । इन्होंने धीरे धीरे ऐश-र अधिकार कर लिया शत है विल गोई ही दिन" जानते अपन-तसे युद्ध म है अमल जिवन उलूक थेगके समाई लिय तथ: मममाप लयने मिलकर:" पूर' एल पर., कर जाला और पेशावर ले भगा दिया : जनित्र बादशाह के धमकी भी इनका अस्तित्व यश, पा., कच्छ तथा औक्तिर प्रत्यय में मिलता है । व ल समय धीरेधीरे यूष्टपजई छोगोका प्रमुख बढने लगा था । लव देश जीतते जाते थे बना देशके निवासिथोंने इनसे अच्छा मुकाबला किया ।डिन्द्र अकाल-: कारण इन-हरिन को भी शरण आना पड़, । धीरे धीरे अमले भी मुसलमानी धर्म अब, किया है इसी समय मह- मद ल२गोने कचनार ( गास्थार ) यर भी आक्रमण कर दिया था । अमर. आमने टिक न सकी और अर्य-की पराजय हई । यररसका उनम मिलता ९र्शत्मिमतरतबर्यसे । जैताऔने देशको सलगनाश कर जाला-धि वन धनिड सबर रहा है 1 पूर्वकाल.' को गोपन का राज्य था. यभीर अन्य अनेक जातियाँ भी मरती न: अमल, शक तथ, म शन मुख्य न । इसलाम-का-र बहने पर बम अक- । गानिस्तन द्वारा औरों जानेपर वरती निवाले । ने भी वहम धर्म धीरे-धीरे अंत-तर कर लिया । जिसको आन सहियत्यपर गहरा भाया लगा केवल नामकी नाम रह गया । अफगान प्रबल थे । अत: उनकी गीति रथम तथा समता का रस देशम पुल प्रभाव पम: शत विवाह होने लगे: अजब कोई अब अवध ही मही रथ मयम और ये भी परों मुसलमान हो गये : अब इनकी गणना 'अफगानियों-में हो की जाती है । अमर हु" जाति-वाक, है. ऐसा अनुमान किया जाता है किये लिग अयन जातियों नि; कब-ये लय तथा २लंत्शतान्दी । मैं यहाँ आये होगे । उसी समय जाब सांय. ( होकर इचीमेकन्दहार वर आक्रमण किया था । और वहीं पर बस गये । ये देशज तक जैसे द्वार थे है व-केजा-श, यर' के अमले प्रसिद्ध थे । उनका बय धनिक जानवरों का पालना-या बजा जलता तथा अर्ध५ता का बर्मा, क्रिया । फल ये हुआ कि बहुतेरे देश छोड़कर जायुयतान तेई प्रदेशों:, जाकरबले : कृश काल-ब: तो-होने अपन-धर्म-ई बोजा": जिय इनको अव भी कहकर सम्बोधित करते रहे । शबर-शभी इसम धर्म हैलने उगाछोर अधिकांश कममुसलमान हो गये । किन्तु अभी भीयहाँ हिन्दू जाति देखपड़तंरेहै; रदातका प्र-ब रम तथा साधु, दरवेश ) अखर गास्थागीजा०का० था 1 अनेक बार इन्होंने अपने खोये हुए अहित-, प्राप्त करम प्रयत्न किय'.' अनी भी रगोधुर्णसम्बश नहीं-हुई । विजयी जातिय१को यह स्थान बम उब बया और वे स्थान रूपसे यहीं बस गये । किन्तु-ले बहाती सबका एव छा नाश भी गया । बोद्धभार्थ रस देशकी अवस्था बने उत्तम भी तथा आकी समता यश विकास प्रख्यात था 1 बने न नगर बसे द्वार दे । सकी चख बत का सागर था ' जनता उब मान से परिपूर्ण थी । पुराने य, वरक हैशिथा खण्डहर जो अबभी पावन इसकी तकम:-, उत्कृष्ट 'आण है । ख्यात, वाजा-र, गुना: मलब स्थानों:) आध भी अनेक यह पाये जाले हैं ।