पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/९६

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अजन्ता ज्ञानकोश ( अं)८३ अजन्ता सामान्यतः इन गुफाओंमें जो चित्र दिये गये रानियोंके बाद राज-पुत्र. राजाप्रोके प्रधान तथा हैं वे बुद्ध-चरित्र अथवा तत्कालीन जातिके इति- अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। दरबारी तथा स्त्रियों हासको प्रदर्शित करते हैं। बादकी बनी हुई के चित्र बहुतसे स्थानों में हैं। राजमहलके चित्रों गुफ़ाके एक चित्रमें ईरानके राजा खुसरूके यहाँसे | में कार्यव्यस्त सेवक सेविकाओके दृश्य दिये हैं। आये हुए शिष्ट मण्डलीसे अपनी राज्य सभामें | नौकरोंके पहरावे भी तरह तरहके हैं। युद्ध मुलाकात करते हुए राजा पुलकेश दिखलाये गये हैं। संबन्धी चित्रोंमें राजाके साथ सैनिकोंके चित्र हैं। निम्नलिखित दृश्यके वर्णनसे पता चलता है। पुराने चित्रोंमें (दसवीं गुफा) सारे सैनिक पैदल कि अजंताकी गुफाओके चित्र कितने हृदयंगम | हैं और उनके पास फरसे, भाले, और डंडोंकी तथा भावोद्दीपक हैं। तरह हथियार हैं। बादके चित्रोंमें (४००-६०० । मृत्यु-शय्या पर एक राज-कुमारी पड़ी हुई ई०) पैदल सिपाहियोंके साथ साथ घुड़सवार है जिसके नेत्र अधखुले हैं, गर्दन लटकी हुई है भी हैं और उनके पास धनुष, बाण, तलवार, भाले और सारे अवयव शिथिल पड़ गये हैं। एक दासी |चक्र, और आत्मरक्षार्थ ढाल तथा शिरस्त्राण उसे श्राधार दिये हुए है और दूसरी उसका हाथ | आदि हथियार हैं। व्यापार तथा कारीगरोके अपने हाथमे लेकर बड़ी ही उत्सुकताके साथ | संबंधके स्वतंत्र चित्र नहीं है, परन्तु स्त्रियोके शरीर उसके मुंह की ओर देख रही है। यह विश्वास हो के वस्त्रालंकारसे सुनार, जुलाहे नकाशीका काम जानेके कारण कि राजकन्याका जीवन अब शीघ्र करने वालोंके कलाकौशलकी कल्पना को जा.सकती ही समाप्त होने को है दूसरी स्त्रीके चेहरे पर है । चित्रोंमै रथ आदि सवारियाँ तथा जहाज़ हैं । विषाद की गहरी छाया पड़ी हुई है। एक और इससे स्थलीय तथा सामुद्रिक व्यापारकी कल्पना दासी पीछे खड़ी होकर राजकुमारी को हवा कर की जाती है। किसानोंके चित्र बहुत कम है। रही है और बाई ओर दो पुरुष अति-दु:खित इन चित्रोंसे विदित होता है कि वे केला (१,१३) मुद्रासे देख रहे हैं। नीचे भूमिपर अन्य रिश्तेदार सुपारी ( १, १८), श्राम (५), अंगूर (१४) निराश स्थितिमें बैठे हुये हैं; उनमेसे एक स्त्री तो इत्यादि फलोकी खेती करते थे, उसी प्रकार इन मुंहपर हाथ रखकर फूट फूट कर रो रही है। चित्रोंसे बौद्ध, जैन, तथा ब्राह्मण धर्मकी रीति (गुफा नं०१६) | रस्मोका बहुत कुछ पता चलता है। तात्पर्य यह यह हृद्य-भेदक दृश्य चित्र संसारके इतिहास है कि ऐतिहासिकोंके लिये ये गुफाये बड़े महत्व मै अत्योत्तम होनेके कारण पाश्चात्य पंडित भी की है। इसकी सर्व श्रेष्ठता स्वीकार करते है। ग्रिफिथ अजंताकी गुफाओका वर्णन निम्नांकित साहब अपनी रिपोर्ट (१८७३-७४ ) में लिखते हैं व्यक्तियोंने दिया है। कि चाहे फ्लारेन्टाइन (Florentine) कला इससे 1. Burgess Notes on the Buldha Rock Temples अधिक उत्तम चित्र भलेही खींच ले और वेनेशियन of Ajantha. ( Venetian) कला रंगमें भलेही इससे बढ़ 2. Mr. Griffith's Reports ( 1874-79) जाय किन्तु इसमें जो भावोका प्रदर्शन है वह 3. Midras officers account 1819 T. B. L. S. __ III520. और कहीं भी नहीं देख पड़ता। 4. Sir James E. Alcxandar's Visit in 1824 गुफाओंके चित्रों में मुख्य व्यक्ति राजा होता | T. R.A.S. II 362. है। पुराने चित्रो (दसवीं गुफा १५० ई०) 5. Mr. Raipt's account of a visit in 1838 J. B. राजा एकही जातिके प्रतीत होते है, परन्तु इधर B.A. S. III Part II 71-72. उधर चित्रोंमें (३००-६३० ई०) राजा विभिन्न | 6. Lieut. Blake's Description, Bombay Courier जातिके मालूम होते हैं। ये सभी भारतीय प्रतीत| 1839. होते हैं। किसी किसी चित्रमें राजा युद्ध, ओखेट 7. Description of Mandu & Ajautha. Bombuy अथवा यात्रा इत्यादि करते दिखाये गये हैं। Times Press 1844. किसी किसी चित्रमे राजमहल अथवा राजसभाके 8. Mr. Fergusson's Paper J. R.A. S. 1842. 9. Dr. J. Mnir's journey from Agra to कार्योंमें सलग्न दिखाए गये हैं। बहुतसे चित्रों Bombay 1854. में राजाके साथ रानियोंके भी चित्र हैं। उनके 10. Major Gill's Stercoscopic photographs of शरीर पर आभूषण है और वस्त्र ढाकेकी मलमल | Ajantha & Elura 1862. के समान बारीक दिखाये गये हैं। राजाओं तथा | 11. Dr. Bhuu Dajo's transcripts and translations