पृष्ठ:Kabir Granthavali.pdf/६९१

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[६८७ ग्रन्थावली]

हम रफत रहबरहु समां, मैं ख़ुदॳ सुमां बिसियार। हम जिमां असमांन खालिक, गुंद मुसिकल कार॥ असमान म्यांनै लहग दरिया, तहाँ गुसल करदा बूद। करि फिर रह सालक जसम, जहा स तह्यर्र मौजूद॥ हम चु बूंदनि बूद खालिक, गरक हम तुम पेस। कबीर पनह खुदाइ की, रह दिगर दावानेस॥ शब्दाथॳ- खालिक=सृष्टिक्रर्ता । दर हाल= इसी समय । पच=पाँच तम्मायाएँ (मूल पच महाभूतों का सूक्ष्म रूप) अथवा पाँच ज्ञानेन्तियाँ । रज़सिं= रजिश करके । मुरद = मुदॳ । मिस्त=वहिश्त=स्वर्ग । दोज़गा=दोजख, नरक। दु द=दृचंद्व=अशांति । ईत=ईति=दु ख दुरापद । आतसटआतिश, अग्नि । जंगम =ज़न्तु । रफतज्जजाने वाले । खुर्वा-दृ-"अल्यल्प । विसिमार==महान । असमान: आसमान, व्रह्यरघ्र 1 दरिया=नदी । गुसल-दृस्वान । बूद=जानो । बू'दनि=जानना बूदद्र-जानना है । गरक=गरक = तन्मय, लीन । पेस = पेश, सामने, समक्ष । पनह =शरण । दिगर=दीगर==दूगरा । दावा=अधिकार । नेसज्जनेस्त, नही है पैमाल=पामाल, पैरो से कुचलना । ६राज==लस्वी । आतप्त=आतिप्त, अग्नि, ताप । सुमौ=तू । रहवर=मार्ग दर्शक । लहग==चर्वी । बू द अस्तित्व संदर्भ - कबीर भगवान के प्रति अनन्य समर्पण की अभिव्यक्ति करते हैं| भावार्थ- सृष्टिकर्ता हर जगह मौजूद है । वह इम समय यहाँ भी है। हड्डियो के इस ढांचे के अर्थात् इस असार शरीर ने मेरे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार किया है और पैरो से कुचल कर मुझ को मुर्दा (मृतकतुल्य) बना दिया हे । स्वर्ग और नरक उसी के है । यह ससार रूपी लाबी दीवाल उसी की छाया है । समस्त भेदभाव, दुरापद, ताप, पशुओ के जहर आदि इम ससार रूपी जाल मे भरे पडे हैं। हम राहगीर हैं । तू हमारा रहनुमा (मार्गदर्शक) है । मैं अत्यन्त छोटा हूँ, तू अत्यंत महान है । हम ज़मीन (नीचे) हैं । सृष्टिकर्ता ऊपर आसमान के समान हैं । दोनो को एक करना वडा ही कठिन काम है । आसमान मे चरवो की नदी बहती है और उसमे आत्म तत्त्व स्नान करता है अर्थात् व्रह्यरन्नघ्र मे होकर अमृत झरता है और आत्मस्वरुप जीव उसका भोग करता है । इम शरीर द्वारा तू उस मालिक की चिन्ता कर और धर्म एव नीति का आचरण कर । उसका साक्षात्तकार तुझको हर स्थान पर होगा । स्वय अपने को जानना तुझ मरजन हार को जान लेना है । हम तुम्हारे सम्मुख तुम्हारे ध्यान मे मग्न् है कबीर कहते है कि में भगवान की शरण मे हूँ यहाँ कोई दूसरा दावेदार नही है| विशैष- (1) कबीर प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पण भाव दिखाते हैं (11) हम रफत ॱ काल-तुलनाकीजिए-

           राम सो बड़ो है कौन मोसो कौन छोटो |