पृष्ठ:Kabir Granthavali.pdf/७२१

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(१) प्राप्त किया हुआ धन आत्मा, भूति का है। दाता आत्मा है। इस प्रकार इस पद मे विभित्र प्रतीको का सुन्दर प्रयोग है। (३) भक्ति किसी सिद्धि का साधन नही है। इसी से लिखा है कि धन दीया जाहू न खाया तथा "औरनि पै जाना चू का।" (४) चदन को घिस डालने तथा बन खड को जला डालने का आशय उपासना के वाहा उपकरणो को समाप्त करना भी हो सकता है। (५) पच शैल -- पच प्राण, प्राण, अपान समान और ध्यान। (५) इस पद मे कबीरदास ने ईशवर और जीव का तथा ज्ञान और भक्ति का अभेद व्यक्त किया है। यह भी बताया है कि भक्ति से ज्ञान-बोध का जन्म होता है। (६)इस पद मे क्रबीरदास ने ईशवर और जीव का भक्ति से ज्ञान और भक्ति का अभेद व्यक्त किया है। यह भी बताया है कि भक्ति से ज्ञान-बोध का जन्म होता है। (७)समभाव देखिए-- जग जांचिये कोऊ न जाँचिए जो जीय् जाँचिये जानकी जानहि रे। जेहि जांचत जाचकता जीर जाइ जो जारति जोरि जह नहि रे।

                                   (गोस्वामी तुलसीदास)
                   (१५६)                                                                                

अब मै पायौ राजा राँ सनेही,

        जा बितु दुख पांव मेरी देही ॥टेक॥ 

वेद पुरान कहत जाकी साखी, तीरथि व्रति न छूट जम को पासी॥ जाथे जनम कहत नर आगे, पाप पुनि दोऊ भ्रम लाग्ं॥ कहै कबीर सोई तत जागा, मन भया मगन प्रेम सर लागा॥ शब्दार्थ -- पाक्षी = पाश, बन्धन। जन्म = दिव्य जन्म। सदर्भ -- कबीर भगवत प्रेमी की प्राप्त का वर्णन करते है। भावार्थ -- अब मुर्भो मेरे प्रेमी भगवान राम की प्राप्ति हो गई है। उनके बिना मेरा जीवन दु खी रहता था। चेद, पुराण इस बात के साक्षी है कि तीथ-व्रत आदि के द्वारा काल-चत्र का बन्धन नही छुट पाता है। भाव-प्रेम के द्वारा मनुष्य को दिव्य योनि प्राप्त होती है अर्थत मुक्तावस्था प्राप्त होती है। इसके उदय हो जाने पर पाप-पुणय दोनो ही भ्रम प्रतीत होने लगते है क्योकि ये दोनो ही बन्धन कारक है। कबीर कहते है कि मेरे मन मे तत्व ज्ञान जाग गया है। मगवत्प्रेम रुपी वण मेरे ह्रदय मे समा गया है और मेरा मन उसी मे तन्मय हो गया है। अलकार -- रुपक--प्रेम सर। विशेष-- (१) सच्चे भगवत्प्रेम की महिमा का वण्ंन है। (२)वहाचार की निरथकता के प्रति सकेत है। समभाव के लिए देखे--

जौ लो मन-कामना न छूटे। 

तौ कहा जोग-जग्य-ब्रत फीन्हे, बिनु कन भुस को फूटै। कहा स्नान् किये तोरथ के, अग भसम जट-जूटे।