पृष्ठ:Rajasthan Ki Rajat Boondein (Hindi).pdf/१३

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अब बड़ों की बारी है, बूंद-बूंद पानी जमा कर वर्ष भर तृप्त होने की। लेकिन राजस्थान में जल संग्रह की परंपरा समझने से पहले इस क्षेत्र से थोड़ा-सा परिचित हो जाना चाहिए। राजस्थान की कुंडली कम से कम जल के मामले में 'मंगली" रही है। इसे अपने कौशल से मंगलमय बना लेना कोई सरल काम नही था। आज का राजस्थान क्षेत्रफल के हिंसाब से देश का दूसरा बड़ा राज्य है। देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग ११ प्रतिशत भाग या कोई ३,४२,२१५ वर्ग किलोमीटर इसके विस्तार में आता है। इस हिसाब से दुनिया के कई देशों से भी बड़ा है हमारा यह प्रदेश। इंग्लैंड से तो लगभग दुगना ही समझिए।

पहले छोटी-बड़ी इक्कीस रियासतें थीं, अब इकतीस जिलें हैं। इनमें से तेरह जिले अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में और अन्य पूर्व में हैं। पश्चिमी भाग के तेरह जिलों राजस्थान की के नाम इस प्रकार हैं: जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, जालौर, पाली, नागौर, चुरू, रजत बूंदें श्रीगंगानगर, सीकर, हनुमानगढ़, सिरोही तथा झुंझुनूँ । पूर्व और दक्षिण में बांसवाड़ा,