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बिंदु में सिंधु समान

भक्ति में डूबे संत-कवियों ने 'बिंदु में सिंधु समान' कहा। घर-गिरस्ती में डूबे लोगों ने इसे पहले मन में और फिर अपनी धरती पर कुछ इस रीति से उतारा कि 'हेरनहार हिरान' यानी देखने वाले हैरान हो जाएं।

पालर पानी यानी वर्षा के पानी की वरुण देवता का प्रसाद मान कर ग्रहण करना और फिर उसका एक कण भी, एक बूंद भी यहां-वहां बगरे नहीं - ऐसी श्रद्धा से उसके संग्रह का काम आध्यात्मिक भी था और निपट सांसारिक भी। विशाल मरुभूमि में इसके बिना जीवन कैसे हो सकता था।

पुर शब्द सब जगह है पर कापुर शब्द शायद केवल यहीं मिलता है। कापुर यानी बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांव। भाषा में कापुर शब्द रखा गया पर कोई गांव कापुर न कहला सके, इसका भी पक्का प्रबंध किया।