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जल और अन्न का अमरपटो
ज्ञानी ने पूछा, 'कौन-सा तप सबसे बड़ा है?” सीधे-सादे ग्वाले ने उत्तर दिया, "आंख रो तो तप भली।"
आंख का ही सबसे बडा़ तप है। अपने आसपास के ससांर को ठीक ढंग देखने का अनुभव और पीढ़ियों के ऐसे अनुभव से बना एक दृष्टिकोण - यह तप इस लोक के जीवन को सरल बनाता है। आंख के इस तप ने जल के साथ साथ मरुभूमि में अन्न जुटाने की भी अनोखी साधना की। इसका साधन बनी खडीन।
लूनी नदी जैसे एकाध अपवाद छोड़ दें तो मरुभूमि में अधिकांश नदियां बारहमासी नहीं हैं। ये कहीं से प्रारंभ होती हैं, बहती हैं और फिर मरुभूमि में ही विलीन हो जाती हैं। पर आंख के तप ने प़वाह के पथ को बडी़ बारीकी से देख कर कई ऐसे स्थान चुने, जहां इनका पानी रोका जा सकता है।