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राजस्थान की रजत बूंदें

अपने साधनों से चलता जीवन

यहां का वार्षिक औसत ४५ सेंटीमीटर है। कालाहारी मरुस्थल में यह थोड़ा कम होकर भी ३० सेंटीमीटर है। एक बार फिर दुहरा लें कि थार के रेगिस्तान में यह १६ सेंटीमीटर से २५ सेंटीमीटर है। तापमान के मामले में भी कालाहारी क्षेत्र थार से बेहतर ही माना जाएगा। अधिकतम तापमान ३० डिग्री से ज्यादा नहीं जाता। थार में यह ५० डिग्री छू लेता है।

यानी बोत्सवाना में जगह ज्यादा, लोग कम, वर्षा थोड़ी-सी ज्यादा और तापमान कम–बोत्सवाना के समाज को राजस्थान के समाज से अपेक्षाकृत कुछ उदार परिस्थिति मिली। लेकिन आज पानी का यहां बड़ा संकट है। पहले कभी कोई ऊंची परंपरा रही होगी तो आज उसके चिन्ह भी नहीं मिलते । यों किन्हीं दो समाजों की तुलना करना बहुत अच्छा काम नहीं है फिर भी जो जानकारी उपलब्ध है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि बोत्सवाना में जल अधिक होते हुए भी उसके संग्रह की समयसिद्ध, स्वयंसिद्ध परंपरा नहीं दिख पाती।