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राजस्थान की रजत बूंदें


समस्या' है ऐसे कुओं की ठीक चिनाई। मिट्टी धसक जाती है। तुलना कीजिए राजस्थान के उन साठी कुओं से जो साठ मीटर से भी ज्यादा गहरे जाते हैं और जिनकी चिनाई के सीधे, उलटे और फांक तरीके न जाने कब से काम में आते रहे हैं।

इथोपिया में इन कुओं के अलावा हैंडपंप भी खूब लगे हैं। अच्छे हैंडपंप सीधे अमेरिका, इंग्लैंड आदि से आते हैं। एक अच्छे हैंडपंप की कीमत पड़ती है कोई ३६,००० से ४०,००० गज के रुपए तक। बताया जाता है कि ये खूब मजबूत हैं, बार-बार बिगड़ते नहीं, टूट-फूट कम होती है।

समाज के निर्माता

लेकिन सरकार के पास सभी गांवों में इतने महंगे पंप बिठाने के लिए उधार का पैसा भी कम पड़ता है। इसलिए कुछ सस्ते हैंडपंपों की भी तलाश जारी है। वे भी २०,००० रुपए से कम के नहीं हैं। पर उनमें खूब टूट-फूट होती है। गांव दूर-दूर हैं, आने-जाने के साधन नहीं हैं, इसलिए अब यहां सरकार गांवों में ही इनके उचित रख-रखाव के प्रशिक्षण शिविर चलाने के लिए उन्हीं देशों से अनुदान मांग रही है, जहां से वे पंप आए हैं।