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में आज भी इनके चौवीस गाँव हैं और जिला मैनपुरी के भोगाँव शौर बेवर परगनों में इस जाति के ८७२ व्यक्ति हैं? 4 11cient History of 31uttra, Growse. ) । चित्तौड़ के राजपून गुहिलोत थे ! रेह प्रा०सं० रेखा । कनक==यह वही वीर है जिसकी मृत्यु का वन रू० ७१ में आ चुका है । हुङ, गुहिलोत की उपाधि थी । सनरसिंहू और गरु गोविन्द भी गुहिलोत थे, [ दि० वि० पीछे दिया जा चुका है। पारस = सेना; । रासो में पाय: इसी अर्थ में इस शब्द का प्रयोग हुयी है अतः इसी को मान लेना उत्तम होगा ] ! पद्धं = यह पंजाबी और गुजराती खा’ ( == खाना ) का भूतकात्तिक कृदंत है। इसका काधा रूप भी मिलता है। श्र=प्रथा, रघुवंशी राजपूत था और इसीलिये राम का संबंधी रहा होगा जिसकी मृत्यु का वर्णन रू० ७६ में है। प्रिथीरज' का विकृत रूप था' होना भी बहुत संभव है। चंद ने भी कहीं-कहीं पिथ, पिथ्थ और पिथल लिखा है । संधि (क्रिया)सेंध, छेद करना, खोदना । गोरी गिराई–ोरी को गिराया अर्थात् शैरी को परा. जित किया । लु पावार भानं = प्रमार वंश का सूर्य । जैत वेध --यह जैतसिंह और सुलध का संबंधी लखन है जिसकी मृत्यु का वर्णन ८० ७४-७५ में है। बोनेति=धनुर्द्धर | *कमनैत’ और ‘वानैत' का अर्थ एक ही है ]। जिनें भेजिवं मोर बनेति बानं =जिसने ( प्रसिद्ध ) धनुर्द्धर मीर को एक बाण से (स्वर्ग) भेज दिया । भेजियं =भेजना, यदि भेजिरं, संजिश्रम का दूसरा रूप हो तो पूरी पंक्ति का अर्थ-*उसने एक के बाद दूसरे मीर को वाणों से मार डाला या उसने धनुर्द्धर मीर को एक बार से मार डाला' होगा । जैध<सं० योद्धा; [ नोट--यह वीर जंवारः जोगी' है जिसकी मृत्यु का वर्णन ० ७८७७८ में हो चुकी हैं। जंघारा-झगड़ालू या थोड। । इस रूपक में भी ७० ७८ की भाँति वह चैर (वैराग्य अर्थात् वैरागी ) कहा गया है। बैरागी वैष्णव होते हैं और जोगी औं । परन्तु योग और वैरारी दोनों शब्द तपस्वियों और महात्माओं के लिये भी प्रयुक्त होते हैं । पृथ्वीराज को कन्नौज वाले युद्ध में एक हज़ारे वैराशियों से मुकाबिला करना पड़ा था- बाते संध विरद्द धर । बैरागी जुध धीर । सूर संमें निप नाम सिर । भर पहु मजन भीर ।। रासो सम्यौ ६१, छं० १७८९ }। ये युद्ध करनेवाले वैराग्री अपने तथा अपने घोड़ों के सरों पर मोर पंख' बाँधते थे- मोर चंद मथ्थै धरिय । जटाजूट जट बधि || संत्र बजावः सब्ब भर से जाइ कमंद । सम्यौ ६१, ४० १८१३ । पर्यौ जोध संग्राम से; हंक मोरी’--( में मोरी या सौर<सं० मेन्यूरिकी से संबंधित हैं। : हॅक-=चिल्लाना } मौरी-गुड़ना ) उस योद्धा ने