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नेताक्षर अ० अरबी अ५० = अपभ्रंश उ०= उदाहरणार्थ ए० बी० ० आर० ग्राई०= अनल्स व दि भंडारकर ओरियंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट ए० एस० वी० = एशियाटिक सोसाइटी थी गाल। ए० ० को० ए० को ० को० ए० नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा पाठ मिलान के लिए पृथ्वीराजरासो की भिन्न-भिन्न स्थानों से आई हुई प्रतियों के लिए सांकेतिक शब्द ०= गुजरात गौः ही० ०= गौरीशंकर हीराचंद का छं० = छन्द जे० आर० ए० बी० बी० एस= जर्नल श्राव दि रॉयल एशियाटिक सोसाइटी वाम्बे छ । जे० आर० ए० एस जर्नल अव दि रॉयल एशियाटिक सोसाइटी (लंदन ३० अर० ए० एस० वी =जर्नल अव दि रॉयल एशियाटिक सोसाइटी बंगात जे० ए० एस० बी०= जर्नल झाव दि एशियाटिक सोसाइटी अव वंगाल डॉ० = डॉक्टर तु०= तुर्की दे०= देखिये ना० प्र० १० =नागरी प्रचारिणी पत्रिका ना० प्र० सं०= नागरी प्रचारिणी संस्करण ना० प्र० स० - नागरी प्रचारिणी सभा य०= पश्तो पी०= पालि यु०= पुलिंग