पृष्ठ:Reva that prithiviraj raso - chandravardai.pdf/४६९

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दृष्ट | शुहि-त्र (भा २ ) पंक्ति अशुद्ध या' ने भी रेवा (नर्मदा) की चर्चा छत्रपति शिवाजी के राज्य की सीमा का उल्लेख करते हुए की है :शाबत मुसलखाने ऐसे कछ त्यौर ठाने जान अवरंग ही के दिन को लेवा है। रस खोट भए ते अगोट गरे मैं सातौ चौकी डाँकि अनी घर कीन्ही हद्द रेवा है ।।७६।। | शिवराजभूपण ; वितरिय विथरिय पिल्टि अगदेश गूदेदा लघितडू च । १६ । सिह पिद्रि अंगदेश गूदेदार लधित हूं। चल्ली सिंह एक दूही, मिल्यो धनुर्द्धर कि ये चौहानी शोरी २४ मिल्यो ५. नुध १२ यों कि चौहानों सूरत भारत मसरीत गोरी १६. पूर्वाई पृथ्वीराज इरी पूर्व पृथ्वीराज