पृष्ठ:Satya Ke Prayog - Mahatma Gandhi.pdf/३६५

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इ-कई : भन ४ होता । इन लड़कों के साथ आप लड़के हैं तो इसका बुरा लीजा होला । उन अब लड़की सइदत इनको गे तो थे भिड़े बिन न | इनको सुनकर मैं थोड़ी देरके लिए खोजें पड़ा । नहीं, यह तो मुझे इस समय याद नहीं; परंतु अब उर मुझे याद है । मैंने जवाब दिया--- * अपने लड़कों और इन या लड़कों में -: है रज का हूं ? अभी तो दोनों की जिम्मेदारी मुझपर हैं। ये युवक मेरे लिये यहां ये हैं। यदि मैं रुपये दे दें तो ये आज ही जोहान्सबर्ग जर र ल ७ । आर्य नहीं, यदि उनके माता-पिता यह समझते हों कि उन लड़कों यां कर मुजर बहुत मेहरबान की है। यहां कर वे सुविधा उ हैं, यह तो आप और मैं दोनों दे रहे हैं। सो इस मंत्र ३ ब मुझे दिखाई दे रहा है। मुझे उन्हें यहीं रखना चाहिए। मेरे लड़के भी हो साथ रहें । फिर क्या आज ही मेरे लड़को यह भेद-ब सिखें कि वे में ऊंचे दर्ज हैं ? ऐसा विचार उनके दिल डाला मानो उसे उलटे रास्ते ले जाता हैं। इस स्थिति रहने से उनका जीन बनेगा, खुद-ब-खुद सारासारी परीक्षा करने रा। हम यह क्यों न माने कि उनमें न लुच कोई कुयः ह त उलटा उसीका असर उनके साथियोंपर होगा ? -कुछ भी हो; पर मैं तो उन्हें था। नहीं हटा सकता और ऐक्ष थाने में यदि कुछ जोखम है तो उसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए । इसपर वि० केनके सिर हिलाकर रह गये ।। यह नहीं कह सकते कि इस भयो तीजा बुरा हुआ। मैं नहीं पता था कि ये लड़कों को इससे कुछ नुक हु । हां, लाभ होता हुआ तो भल मैंने देखा है । में इन कि कुछ श र हो तो वह ' । गया, वे सबके साथ शिशु ना सीखे, वे लवकर ठीक हो गये ।। | इससे तथा ऐसे दूसरे का हू । वला कि दिं - নাথ ঠা-চী শিখালী যন্ত্র সু ল ভ ড শ্রী সভায় ; শা २ श्री पढ़ने से अच्छे न कि अ नुना ही हो सकता । अपने कोक संदूक बंदकर रखने से ये शुद्ध ही रहते हैं और हर किसे में 1 जाते हैं, यह कोई नियम नहीं हैं। हां, यह बात जरूर है कि जहां अनेक प्रकार