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यह गली बिकाऊ नहीं/133
 


ख्याल से यह भेंट दूसरे ढंग से हुई होगी। पत्रकारों को अब्दुल्ला ने ही मेरीलिन बुलाया होगा । भेंट में वे भी साथ रहे हैं । इसका सबूत चाहिये तो यह चित्र देखो ! एक ओर गोपाल, बीच में उदयरेखा और दूसरी ओर अब्दुल्ला खड़े हैं । अब्दुल्ला के डर से उसने मेरा या तुम्हारा नाम नहीं लिया होगा। अगर लिया भी होगा तो अब्दुल्ला ने मना कर दिया होगा।"

"हो सकता है कि आपका कथन ठीक हो । पर यह सरासर अन्याय है । नाटक लिखने और इसे निर्देशित करने का पूरा भार तो केवल आपका रहा है। आपको भूलना बड़ा पाप है । वह उन्हें यों ही नहीं छोड़ेगा।"

"दुनिया में पाप-पुण्य देखनेवाले आज कौन हैं ?" विरक्त स्वर में मुत्तुकुमरन् ने कहा।

वे जिस स्ट्रेयिट्स होटल में ठहरे थे, वहाँ चीनी और कांटिनेंटल भोजन की ही व्यवस्था थी। इसलिए सुबह के जलपान और दोपहर के भोजन के लिए अंबांग स्ट्रीट के एक हिन्दुस्तानी होटलवाले के यहाँ प्रबन्ध किया गया था। कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिक्स और आइस-क्रीम आदि का इंतजाम उन्होंने अपने ही होटल में करवा लिया था।

जिस दिन वे यहाँ ठहरने आये थे, उस दिन रात को वे कहीं बाहर नहीं गये। दूसरे दिन सवेरे वे महामारियम्पन के मंदिर और दसगिरि हो आये । दसगिरि में, संयोग से रुद्रपति रेड्डियार नाम के एक व्यापारी मिले, जो कई साल पहले मदुरै में डबल रोटी का व्यापार करते थे। दोनों ने एक-दूसरे को देखते ही पहचान लिया। उन्होंने कहा कि यहाँ पेट्टा लिंग जया में मैंने एक डबल रोटी की दुकान खोल रखी है और हर दूसरे वर्ष छ: महीनों के लिए स्वदेशा हो आता हूँ।

नये देश में अप्रत्याशित रूप से एक परिचित व्यक्ति से मिलकर मुत्तुकुमरन् बहुत खुश हुआ। उसने माधबी का उनसे परिचय कराया और मद्रास में आकर गोपाल की नाटक-मंडली में सम्मिलित होने की बात भी बतायी।

"सिनेमा के लिए भी कुछ लिखना शुरू कर दो ! फ़िल्मों से ही मुट्ठी गरम होती है।" सब' की तरह रैड्डियार के मुँह से भी वही बात सुनकर मुत्तुकुमरन् को हँसी आयी। उसने कहा, "सिनेमा भी दूर कहाँ है ? उसे भी मुट्ठी में करके छोड़ेंगे।"

"अच्छा ! कल दोपहर को तुम दोनों हमारे घर में भोजन करने आ जाओ। पेट्टालिंग जया-यह पता याद रखो । हाँ, तुमने यह नहीं बताया कि ठहरे हुए हो?"

"स्ट्रेयिट्स होटल में । नाश्ता और भोजन अंबाग स्ट्रीट से आ जाते हैं।"

"हमारे ही घर में आकर ठहर जाओ न ।' उहोंने आग्रह किया। "यह संभव नहीं होगा। क्योंकि हम नाटक-मंडली के दूसरे लोगों के साथ दोनों कहाँ