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88/यह गली बिकाऊ नहीं
 

को यह तमाचा-सा लगा। 'आ बला, गले से लग' कहकर जानेवाली के सामने से आयी बला गले से टल गयी तो वह मन-ही-मन खुश हो रही थी। उसने देखा कि किसी उप-अभिनेत्री के साथ अब्दुल्ला को गोपाल ओशियानिक भेज रहा है। उसने चैन की सांस ली। अब्दुल्ला हाथ जोड़कर सबसे विदा हुए ।



खाना खाने के तुरन्त बाद मुत्तुकुमरन आउट हाउस चला आया था। सिर्फ माधवी सबको विदा करने के लिए 'पोटिको' में खड़ी थी। उस समय माधवी के मन में यह विचार उठ रहा था कि मुत्तुकुमरन् मेरी परीक्षा लेने के लिए ही जल्दी-जल्दी आइट हाउस चला गया है कि मैं अब्दुरुला को पहुँचाने अकेली ओशियानिक जाती हूँ कि नहीं?

अब उसके मन में इस बात की खुशी हो रही थी कि अब्दुल्ला के साथ मेरे अफेले न जाने से मुत्तुकुमरन को खुशी होगी।

एक-एक करके सब गोपाल से विदा लेकर चले । कुछेक माधवी से भी विदा हुए। सबको हाथ जोड़कर उसने विदा किया । सबके जाने के बाद, घर में काम करने वाले, गोपाल के सेक्रेटरी और माधवी ही वहाँ बाकी रह गये थे । नायर छोकरा टेलिफोन के पास विनम्रता का पुतला बनकर खड़ा था। अचानक उन लोगों के सामने गोपाल माधवी पर कहर भरा जहर उगलने लगा । जिस अदम्य क्रोध को उसने अबतक दबा रखा था, वह फूट पड़ा-

"बड़ी चरित्रवान बन गयी है, मानो मैं निया-चरित समझता नहीं ! चर्बी चढ़ गयी है। मैंने पढ़ा-पढ़ाकर कहा था कि दो या तीन बजे अब्दुल्ला के यहाँ जाओ, थोड़ी देर बातें करके फिर बुला लाओ। मेरी बातों पर कान न देकर अपनी मर्जी की कर रही है । यह सब मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं देखता आ रहा हूँ कि उस्ताद के इस घर में आने के बाद तुम्हारी चाल बदल रही है।"

भाधवी बिना कोई जवाब दिए सिर झुकाकर खड़ी रही। उसकी आँखों में आँसू छलक आए । इसके पहले चार जनों के मध्य गोपाल ऐसी बातें करता था तो भी उसके दिल पर उसका कोई असर नहीं होता था। सब झाड़-पोंछकर गोपाल. से पहले की तरह मिलने-जुलने लग जाती थी । अब वह जिसके बश में हो चुकी थी, उसका अहम और स्वाभिमान भी अब उसके मन में घर कर बैठे थे। गोपाल के इन वार्तावों के खिलाफ ज्वार-भाटा तो उठे। पर मादत पड़ जाने से गोपाल के. मुंह के सामने कुछ कह नहीं पायी। पहले ऐसी बातों को सुनती हुई काठ की तरह खड़ी रहती। पर आज तन-बदन में आग-सी लग गयी।

गोपाल कोई दस मिनट तक अपनी बेलगाम जबान को हाँककर अंदर चला गया।

माधवी इतनी लाल-पीली हो गयी कि उसे रुलाई आ गयी। वह सीधे आउट हाउस की ओर बढ़ी। ड्राइवर ने बीच में ही आकर कहा, "मालिक ने आपको घर.