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यहूदियों का सवाल


अधिकारियों ने निस्संदेह सत्याग्रहियों को अपने निश्चय से हटाने की कोशिश की। संसार को लोकमत और भारत सरकार तो आठ बरस की लड़ाई के बाद उनके सहायक हुए-और, तब भी लड़ाई की कोई धमकी न देकर ग्वाली राजनैतिक दबाव ही डाला गया।

दक्षिण अफ्रीका के भारतीयों की बनिस्बत जर्मनी के यहूदियों के लिए सत्याग्रह करने का वातावरण कहीं ज्यादा अनुकूल है क्योंकि जर्मनी में यहूदियों की एक ही समानजाति है, दक्षिण अफ्रीका के भारतीयों की बनिस्बत वे कहीं अधिक योग्य हैं और उनके पीछे संसार का संगठित लोकमत है। मुझे इस बात का इतमीनान है कि उनमें से कोई साहस और दूरदर्शिता के साथ अहिंसात्मक आन्दोलन नेतृत्व करने के लिए उठ खड़ा हो तो जनकी वर्तमान निराशा जल्दी ही आशा में परिणत हो सकती है। और आज जो मनुष्यों का बुरी तरह शिकार हो रहा है वह ऐसे स्त्री-पुरुषों के शान्त किंतु दृढ़ मुकाबले का रूप धारण कर लेगा जो हारेंगे तो निरस्त्र, पर जिनके पीछे यहोवा की दी हुई कष्टसहन को शक्ति होगी। मानवता से ही मनुष्यों के राक्षसी अत्याचार के खिलाफ तब यह एक सच्चा धार्मिक प्रतिरोध होगा। जर्मनी के यहूदी जर्मनी पर इस रूप में स्थायी विजय प्राप्त करेंगे कि जर्मनी के अनायों को वे मानवीय प्रतिष्ठा की कद्र करना सिखला देगे। वे अपने साथी जर्मनों की सेवा करेंगे और यह सिद्ध कर देंगे कि असली जर्मन वे हैं, न कि वे जो चाहे अन जाने ही पर आज जर्मन नाम पर धब्बा लगा रहे हैं।