पृष्ठ:Yuddh aur Ahimsa.pdf/१५२

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क्या करें

एक प्रिंसिपल ने, जो अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहते, नीचे लिखा महत्त्वपूर्ण पत्र भेजा है :-

“निम्नलिखित श्रावश्यक प्रश्नों को हल करने के लिए सुब्ध मन दूसरों की तर्क-संगत सम्मति चाहता है--शान्ति-संघ ("पीस प्लेज यूनियन", जिसे किसी भी परिस्थिति में हिंसा का आश्रय लेने से इन्कार करके युद्ध का विरोध करने के लिए स्वर्गीय डिक शेफर्ड ने कायम किया था) की प्रतिज्ञा का पालन करना क्या हमारे संसार की मौजूदा हालत में ठीक और व्यावहारिक तरीका है?

'हाँ' के पक्ष में नीचे लिखी दलीलें हैं:-

(१) संसार के महान प्राध्यारिमक शिक्षकों ने अपने आचरगा द्वारा हमें यह शिक्षा दी है कि किसी बुराई का अन्त केवल अच्छे उपायों से ही हो सकता है, पुरे उपायों से हरगिज़ नहीं, और किसी भी तरह की हिंसा (खासकर युद्ध की, चाहे वह एकमान तथाकथित प्रात्मरक्षण के लिए ही क्यों न हो) निस्सन्देह बुरा उपाय ही है, फिर उसका उद्देश्य चाहे कुछ भी हो। इसलिए हिंसा का प्रयोग तो