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अद्वितीय शक्ति


प्रजा पर अधिकार प्राप्त नहीं करेगा, किन्तु केवल उनकी भूमि पर कब्जा करेगा। हम यह जानते हैं कि इटली का हेतु केवल जमीन पर कब्जा करने का नहीं है। इटली का हेतु तो इस उपजाऊ देश के हशियों को अपने बस में करने का है। उसका यह हेतु यदि सिद्ध न हो सका, तो फिर वह किसके विरुद्ध लड़ेगा?

२-समस्त अंग्रेज जनता हृदय से अहिंसा को स्वीकार कर ले, तो वह साम्राज्य-विस्तार का लोभ छोड़ दे, अरबों रुपये के गोलाबारूद इत्यादि का त्याग कर दे। इस कल्पनातीत त्याग में जो नैतिक बल अंग्रेजों में देखने में आयेगा उसका असर इटली के हृदय पर हुए बिना न रहेगा। अहिंसक इंग्लैण्ड के जिन पाँच उपसिद्धांतों को मैंने बतलाया है उनका संसार को चकाचौंध में डाल देनेवाला एक सजीव प्रदर्शन हो जायगा। यह परिवर्तन एक ऐसा महान् चमत्कार होगा जो किसी भी युग में न अबतक हुआ है, और न आगे कभी होगा। ऐसा परिवर्तन कल्पनातीत होते हुए भी अगर अहिंसा एक सच्ची शक्ति है तो वह होकर ही रहेगा। मैं तो इसी श्रद्धा पर जी रहा हूँ।

३-तीसरे प्रश्न का उत्तर इस तरह दिया जा सकता है। यह तो मैं ऊपर कह ही चुका हूँ कि भारत राष्ट्र के रूप में पूर्ण रीति से अहिंसक नहीं हैं। और उसके पास हिंसा करने को भी शक्ति नहीं। बहादुर आदमियों को हथियारों की पर्वा कम-से-कम हुआ करती है। जरूरी हथियार किसी तरह से भी वे प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए हिन्दुस्तान में हिंसा करने की शक्ति नहीं