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युद्ध और अहिंसा


मानते हैं । मि० चैम्बरलेन के कथनानुसार वह बलप्रयोग के सिवा किसी युक्ति की परवा नहीं करते । ऐसी आफत् के समय में कांग्रेसियों तथा भारत के सारे नेताओं को व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से भारत का कर्तव्य निश्चित करना है।x




x ५ सितम्बर १९३९ की शिमला से देिया हुआ वक्तव्य ।