पृष्ठ:Yuddh aur Ahimsa.pdf/१९१

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१८२ युद्ध ओर अहिम्स निश्चय करके अत्यचारि नीति में पड़ते हैं, इसलिए इसकी दलील प्रस्तुत है । (५) कहा जानेवाले विजेताओ को युद्ध से कोई फ़ायदा नहीं हुआ। (६) जिन शान्तिवादियों ने अपने विरोध के कारण जैसी यातना भोगी उन्होंने शान्ति-स्थापना में अवश्य् सहायता की । (७) अगर कल कोई दूसरा युद्ध शुरू हो तो वर्तमान सरकार के बारे में आज के अप्ने विचारो के अनुसार मैं उसे किसी भी रूप में मदद नहीं कर सकता । उलटे अपनी शक्ति भर मैं दूसरों को मदद करने से रोकने का प्रयत्न करूँगा। ओर सम्भव हुआ तो सारे अहिम्स्य् साधनों का उपयोग करके उसकी हार हो ऐसा प्रयत्न करुँगा । 'नवजीवन' ८ मार्च, १ & २८