पृष्ठ:Yuddh aur Ahimsa.pdf/२५

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पहेलियाँ

एक प्रसिद्ध कांग्रेसवादी पूछते हैं :

"(१) इस युद्ध के बारे में अहिंसा से मेल खानेवाला आपका व्यक्तिगत रुख क्या है?

(२) पिछले महायुद्ध के वक्त आपका जो रुख था वही है या उससे भिन्न ?

(३) अपनी अहिंसा के साथ आप काँग्रेस से, जिसकी नीति इस संकट में हिंसा पर आधार स्खती है, कैसे सक्रिय-सम्पर्क रक्खेंगे और उसकी कैसे मदद करेंगे ?

(४) इस युद्ध का विरोध करने या उसे रोकने के लिये आपकी ऐसी ठोस तजवीज क्या है, जिसका कि आधार अहिंसा पर हो?"

इन प्रश्नों के साथ मेरी ऊपर से दिखलाई पड़नेवाली असंगतियों या मेरी अगम्यता की लम्बी और मित्रतापूर्ण शिकायत भी है । ये दोनों ही पुरानी शिकायतें हैं, जो शिकायत करनेवालों की दृष्टि से तो बिल्कुल वाजिब हैं, पर मेरी अपनी दृष्टि से बिल्कुल ग़ैरवाजिब हैं। इसलिए अपनी शिकायत करनेवालों और मुझमें मतभेद तो होगा ही । मैं तो सिर्फ यही कहूँगा, कि जब मैं कुछ लिखता हूँ तो यह कभी नहीं सोचता कि पहले मैंने क्या कहा