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युद्ध और अहिंसा


तबाही का काम नहीं करते, जितना कि जर्मन सिपाही। अगर यह सही है, तो शीघ्र ही, जर्मन सिपाहियों से ज्यादा नहीं तो उतनी ही सम्पूर्णता को श्राप लोग प्राप्त कर लेंगे। और किसी शर्त पर श्राप युद्ध में जीत नहीं सकते! दूसरे शब्दों में, आप लोगों को नाजियों से अधिक निर्दय बनना होगा। कोई भी हेतु, चाहे वह कितना ही न्याययुक्त क्यों न हो, आज प्रतिचाण जो अन्धाधुन्ध कत्लेआम हो रहा है, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। में आपसे कहतृा हूँ कि यदि किसी हेतु से जिस तरह के जुल्म ढाये जा रहे हैं उनकी जरूरत पड़ती है, तो वह कभी न्याययुक्त नहीं कहा जा सकता।

मैं नहीं चाहता कि ब्रिटेन हारे। मगर मैं यह भी नहीं चाहता कि वह पाशविक बल की परीन्ना में जीते, भले ही वह पशूबल बाहुबल के रूप में प्रदर्शित किया जाये या बुद्धिबल के रूप में। आपका बाहुबल तो जगत्प्रसिद्ध है। क्या आपको यह प्रदर्शन करने की जरूरत है कि आपका बुद्धिबल भी तबाही करने में सबसे ज्यादा शक्तिशाली है? मुझे आशा है कि आप लोग नाजियों के साथ इस किस्म के मुकाबले में उतरना अपनी बेइज्जती समझेंगे। मैं आप लोगों के सामने एक बहुत ज्यादा बहादुरी और बहुत ज्यादा शराफ़त का तरीका रखता हूँ। यह तरीका बहादुर-से-बहादुर सिपाही की शान के लायक है। मैं चाहता हूँ कि आप नाजियों का सामना बिना हथियारों के करें, या फौजी भाषा में कहा जाये तो अहिंसा के हथियार से मुकाबला।