सामग्री पर जाएँ

रहीम-कवितावली

विकिस्रोत से
रहीम-कवितावली  (१९२६) 
द्वारा रहीम, संपादक सुरेन्द्रनाथ तिवारी

 

सुरेश-सुमन-संख्या ३

रहीम-कवितावली

अब्दुलरहीम खानखाना (रहीम) कृत
अद्यावधि उपलब्ध सभी पुस्तकों
और कविताओं का संग्रह।


संपादक,
सुरेन्द्रनाथ तिवारी


प्रकाशक,
नवलकिशोर-प्रेस, लखनऊ
सन् १९२६ ई॰

प्रथमावृत्ति]
[२०००
 
 

भूमिका।


रहीम के दोहों ने हमारा ध्यान, जब हम स्कूल में पढ़ते थे, तभी से अपनी ओर आकृष्ट कर लिया था। तदनुसार उसी कालसे इनका संग्रह होरहा था। इस समय हमारे दोहों का नम्बर २५० के उपरान्त पहुँच चुका था। इधर इनके कई प्रकाशित संग्रह भी हमारे देखने में आए। अपने दोहों का इन दोहों से मिलान करने पर कई ऐसी बातें मालूम हुईं जिनके कारण इस संग्रह के निकालने की हमें आवश्यकता प्रतीत हुई। अतएव रहीम की अन्य रचनाओं के संग्रह करने का भी प्रयत्न किया गया। यहाँ तक कि काशी नागरी-प्रचारिणी पत्रिका, सम्मेलन पत्रिका, समालोचक, माधुरी, सरस्वती आदि से तथा प्राचीन प्रतिलिपियों से भी, जो कुछ हमें मिलसका है, वही आज रहीम-कवितावली के नाम से पाठकों की सेवा में उपस्थित है। हमें आशा है कि यदि हमारे दयालु पाठक इसे एक बार आद्योपान्त पढ़ जाने का कष्ट उठाएंगे तो हमारे अभिप्राय का आभास उन्हें अवश्य मिल जायगा।


 
विषय-सूची।
दोहे
सोरठे ३२
बरवै नायिका भेद ३५
वन्दना ३५
त्रिविध-स्वकीया  
मुग्धा ३५
मध्या ३५
प्रौढ़ा ३६
मुग्धा के भेद  
अज्ञात ३६
ज्ञात ३६
नवोढ़ा ३६
विस्रब्ध-नवोढ़ा ३६
द्विविध-परकीया  
ऊढ़ा ३६
अनूढ़ा ३७
परकीया के और ६ भेद  
भूत-गुप्ता
भविष्य-गुप्ता
३७
३७
वचन-विदग्धा
क्रिया-विदग्धा
३७
३७
लक्षिता ३८
मुदिता ३८
कुलटा ३८
प्रथम अनुसयना
द्वितीय अनुसयना
तृतीय अनुसयना
३८
३९
३९
गणिका  
अन्य-संभोग दुःखिता ३९
रूप-गर्विता ४०
प्रेम-गर्विता ४०
नायिकाओं के और दस भेद  
१ प्रोषितपतिका  
मुग्धा ४०
मध्या ४१
प्रौढ़ा ४१
२ खण्डिता  
मुग्धा ४१
मध्या ४१
प्रौढ़ा ४१
परकीया ४२
गणिका ४२
३ कलहान्तरिता  
मुग्धा ४२
मध्या ४२
प्रौढ़ा ४२
परकीया ४३
गणिका ४३
४ विप्रलब्धा  
मुग्धा ४३
मध्या ४३
प्रौढ़ा ४३
परकीया ४३
गणिका ४३
५ उत्कंठिता  
मुग्धा ४४
मध्या ४४
पौढ़ा ४४
परकीया ४४
गणिका ४४
६ बासकसज्जा  
मुग्धा ४४
मध्या ४५
प्रौढ़ा ४५
परकीया ४५
गणिका ४५
७ स्वाधीन-पतिका  
मुग्धा ४५
मध्या ४५
प्रौढ़ा ४६
परकीया ४६
गणिका ४६
८ अभिसारिका  
मुग्धा ४६
मध्या ४६
प्रौढ़ा ४६
परकीया-कृष्णा ४६
परकीया-शुक्ला ४७
परकीया-दिवा ४७
गणिका ४७
९ प्रवत्स्यत्प्रेयसी  
मुग्धा ४७
मध्या ४७
प्रौढ़ा ४७
परकीया ४८
गणिका ४८
१० आगतपतिका  
मुग्धा ४८
मध्या ४८
प्रौढ़ा ४८
परकीया ४८
गणिका ४८
पुनः त्रिविध नायिका-भेद  
उत्तमा ४९
मध्यमा ४९
अधमा ४९
सखी के काम  
मंडन ४९
शिक्षा ४९
उपालंभ ४९
परिहास ५०
दर्शन  
साक्षात‍् ५०
चित्र ५०
श्रवण ५०
स्वप्न ५०
नायक  
लक्षण ५०
पति ५१
उपपति ५१
वैसिक ५१
चतुर्विध पति  
अनुकूल ५१
दक्षिण ५१
धृष्ट ५२
शठ ५२
पुनः चतुर्विध नायक  
क्रिया-चतुर ५२
वचन-चतुर ५२
मानी ५२
प्रोषित ५२
मदनाष्टक ५३
नगर-शोभा-वर्णन ५५
ख़ानख़ाना-कृत बरवै ५७
खेट-कौतुक ६०
रहीम के स्फुट हिन्दी-छन्द  
सवैया ६२
कवित्त ६३
दो पद ६४
रहीम के स्फुट संस्कृत-छन्द ६५
 

 

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2025 के अनुसार, 1 जनवरी 1965 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।