विकिस्रोत:आज का पाठ/२९ जनवरी

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

संसार का सङ्कट–भारतवर्ष लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।


"अपनी पुस्तक के अन्त में मिस मेयो यह घोषणा करती है कि महामारियों का गृह और उद्गम-स्थान होने के कारण भारतवर्ष संसार के लिए सङ्कट-स्वरूप है। हम इस बात से सहमत हैं कि भारतवर्ष संसार का सङ्कट है। हाँ, हम इस विषय पर केवल एक भिन्न दृष्टिकोण से विचार करते हैं। हम इस पुस्तक में प्रमाण और अङ्क देकर यह सिद्ध कर चुके हैं कि भारत की इस दशा का उत्तरदायित्व अँगरेज़ों पर है जो भारत को राजनैतिक दासता में जकड़े हुए हैं और जो अपनी राजनैतिक प्रधानता का प्रयोग करके भारत को चूस रहे हैं। इसलिए जब तक भारत की राजनैतिक असमर्थता दूर न कर दी जाय और उसे वह स्वतंत्रता न दे दी जाय जो अन्य स्व-शासन करनेवाले राष्ट्रों को प्राप्त है तब तक वह स्वास्थ्य और शान्ति दोनों की दृष्टि से संसार के लिए सङ्कट-स्वरूप बना ही रहेगा।..."(पूरा पढ़ें)