यह पुस्तक भारत में अंगरेज़ी राज की स्थापना के सामाजिक, सांस्कृतिक कारणों को रेखांकित करने के साथ उनका ऐतिहासिक विवेचन-विश्लेषण भी प्रस्तुत करती है।